मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी Mahatma Gandhi

Last Updated on September 21, 2019 by Abhishek pandey

महात्मा गांधी की 151वीं जयंती 2 अक्टूबर 2021 को इस पर विशेष लेख

अभिषेक कांत पाण्डेय
Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी के बारे में आप बहुत कुछ जानते होंगे कि उन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए बहुत बड़े-बड़े आंदोलन किया। उनके मार्गनिर्देशन में ही आजादी का आंदोलन चला और उनके सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के कारण ही हमें अंग्रेजों से आजादी मिली। 

151वीं जयंती 2 अक्टूबर 2021 को इस 

  अवसर पर आओ उनकी शिक्षाओं और उनके बारे में जानें-
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सत्य और अहिंसा का पाठ सीखाने वाले सदी के नायक का नाम कौन नहीं जानता है। अंग्रेजों से अहिंसा के बल पर भारत को आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी का नाम सारी दुनिया में जाना जाता है। मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी बनने की एक लंबी गाथा है। 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में जन्में गांधीजी अपने विद्यार्थी जीवन में एक औसत छात्र थे। लेकिन अपनी मेहनत और देश के प्रति प्रेम के कारण वे आाजादी के महानायक बनें। सत्य व अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले सबके प्यारे बापू आज भी हमारे लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं।
सत्य के प्रयोग
गांधीजी ने अपना सारा जीवन सच्चाई और ईमानदारी में बिताया है। स्वयं की गलतियों से सीखते हुए, उन्होंने अपने जीवन में किए गए सत्य के प्रयोग पर किताब ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ लिखी है। यह किताब आंग्रेजी भाषा में लिखी गई, जिसका हिंदी में अनुवाद बहुत लोकप्रिय हुआ। महात्मा गांधी के जीवन की झलक इस पुस्तक में मिलती है। यह किताब जरूरी पढ़नी चाहिए। गांंधी जब युवक थे तो वे पश्चिमी संस्कृति से बहुत ही प्रभावित थे। उनके जीवन में आए कई बदलाव ने उन्हें मानवता का सेवक बना दिया। महात्मा गांधी ने अपनी जीवनी में लिखा है, ‘मुझे आत्मकथा के बहाने सत्य के जो अनेक प्रयोग मैंने किए हैं, उसकी कथा लिखी है।’

अनशन और अहिंसा 
Mahatma Gandhi ansan aur ahinsa

महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिए पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। वे भारत में अंग्रजों के अत्याचार से दुखी थे। वे हर कीमत पर भारत की आजादी चाहते थे। इसीलिए वे भारत की आजादी के लिए दक्षिण अफ्रिका से अपने देश आएं। यहां पर भारतीयों और खासतौर पर दलितों की दुरदशा देखकर बहुत दुखी हुएं। यहीं से उनके जीवन में बदलाव आया और अब वे भारत की आजादी के लिए एक नए तरीके की खोज की, जिसे आज सारी दुनिया ने अपनाया वह था, आहिंसा और अनशन। अहिंसा यानी बिना हिंसा के अपनी बात मनवाने के लिए अनशन करना। सत्य की इस लड़ाई में गांधीजी अब भारतीयों के नायक बन चुके थे। उस समय लाखों लोग उनके साथ भारत की आजादी के संग्राम में कूद पड़े। जिसका परिणाम यह हुआ की आज हम आजाद भारत में रह रहे हैं। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के निवासी हैं और इस बात पर हम भारतीयों को गर्व है।

गांधी के सपनों का संसार
Mahatma Gandhi Dream

 गांधीजी ने हमें कुछ बातें बताईं, जिन्हें हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। गांधीजी ने अपने जीवन में सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, सादगी से जीवन जीना और स्वयं पर विश्वास रखने की बात बताई है। इसीलिए उन्हें ‘जन नायक’, ‘महात्मा’, ‘बाप’ू, ‘राष्ट्रपिता’ के उप नाम से हम लोग पुकारते हैं। सत्य के बारे में गांधीजी ने कहा है कि सत्यता का साथ देने पर हमें भय-असुरक्षा से मुक्ति मिलती है। सादा जीवन, उच्च विचार उन्होंने अपने जीवन में उतारा था। उनके मन में एक सच्चे भारत की तस्वीर थी। जहां चारों ओर खुशिहाली और भाईचारा हो। लेकिन आज हम गांधीजी की बातों को भूलते जा रहे हैं। सही अर्थों में अगर हम महात्मा गांधी के विचारों को अपने जीवन में उतार ले तो निश्चित ही ये दुनिया ‘गांधी के सपनों का संसार’ बन जाएगी। जहां न कोई युद्ध होगा और न कोई दुखी होगा।

 स्वच्छ भारत का  सपना
Clean India dream by Mahatma Gandhi
गांधीजी का सपना  था कि भारत Mahatma Gandhi के बाद भारत विश्व के पटल पर एक ऐसा लोकतांत्रिक देश बने, जहां स्वच्छता का महत्व हो यह स्वछता आंतरिक हो और बाहरी हो अर्थात जीवन के हर क्षेत्र में स्वच्छता पर उन्होंने बल दिया है। मन की स्वच्छता तन की स्वच्छता दोनों को बहुत जरूरी बताया था।
  स्वच्छ भारत अभियान के तहत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान चलाकर महात्मा गांधी जी के सपनों को सरकार कर रहे हैं। हमें भी भारत को स्वच्छ बनाने हैं अपना योगदान देना चाहिए।
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Abhishek pandey
Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
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