सबके लिए निःशुल्क शिक्षा कानून यानि आर0 टी 0 एक्ट के लागू क्यों किया गया ताकि सभी को शिक्षा गुणवक्तयुक्त मिले। जिसके लिए टीचर एजीबिलीटी टेस्ट यानि टेट लागू किया गया ताकी दक्ष शिक्षको का चयन हो। और वर्तमान में बीएड उपाधी के लिय न्यूनतम योग्यता ही स्नातक या परास्नातक में 50 फीसदी अंको से पास अभ्यर्थी ही बीएड की उपधि प्राप्त कर सकता है। अब हम उड़ती हुई खबरों में चलते है-
पहली खबर- बिना टीईटी वाले बनेंगे बेसिक शिक्षक – कैसे जब टीईटी 60 फीसदी अंको से पास अनिवार्य है तो और इस परीक्षा से बीएड उपाधी धारक की गुणवता का पता चलता है जोकि आर0 टी 0 एक्ट में अनिवार्य अहर्ता है। उत्तर प्रदेश में प्रथम टीईटी परीक्षा में 50 प्रतिशत बीएड उपाधी धारक इस पात्रता परीक्षा को 60 फीसदी अंको से पास नहीं हुए तो ऐसी खबर कहाँ तक तर्कसंगत हो सकती है।
दूसरी बात की प्राइमरी में बीएड उपाधि धारक टीचर के नियक्ति के लिए पात्र है और जो योग्यता बीएड के लिए है वही प्राइमरी टीचर के लिए है आर 0 टी 0 एक्ट के अनुसार और इसमे टेट पास होना अनिवार्य है। यानि बीएड उपाधी के लिय न्यूनतम योग्यता ही स्नातक या परास्नातक में 50 फीसदी अंको से पास अभ्यर्थी। ये सब बाते खबरों में नहीं आती क्योकि जिससे अधिक लोग प्रभावित होते है वही खबर बनती है। खबरों में टेट