बदलना जारी

 बदलना जारी        नई कविता  अभिषेक कान्त पाण्डेय 

बदलना जारी 
मोबाइल रिंगटोन आदमी 
धरती मौसम 
आकाश, सरकारी स्कूल 
कुआँ उसका कम होता पानी 
चौपाल 
फैसला 
रिश्ते 
इंजेक्शन वाली लौकी और दूध 
गरीबी गरीब 
आस्था प्रसाद 
प्रवचन भाषण 
नेता अनेता 
पत्थर गाँव का ढेला 
ओरतें  कामयाबी 
साथी एकतरफा प्यार 
भीड़ हिंसक चेहरा 
सूरज थकता नहीं 
चूसता खून 
बंजर मन 
अवसाद मन 
मधुमेह रक्तचाप 
प्रकृति प्रेम कापी पन्नों  किताबों में
स्रजन दूर 
नीली धरती नील आर्मस्ट्राम की 

रिंगटोन मोबाइल आदमी 
बदलता समाज  पार्यावरण 
                                     अभिषेक कान्त पाण्डेय 
See also  मां

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