क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 5०० साल बाद हमारी धरती कैसी दिखेगी। कॉलिन एन्डेरसन जोकि पेशे से फोटोग्राफर हैं, उनकी ये काल्पनिक फोटो में मानव सभ्यता अंतरिक्ष से अनोखी तरह से दिख रही है। टॉवर के आकार की ऊंची-ऊंची बिल्डिंग से ढकी धरती का ये भविष्य है। कई वैज्ञानिकों और रिसचर्स ने आने वाले 5०० सालों में मानव सभ्यता में बदलाव के बारे में पूर्वानुमान लगाया है।
क्या आप जानते हैं आसमान नीला क्यों दिखता है पढ़ने के लिए क्लिक करें
चारों तरफ होगा बर्फ ही बर्फ
26वीं शताब्दी में भले हम न रहें लेकिन धरती के वातावरण में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। रिसर्च से ये बात सामने आई है कि 26वीं शताब्दी में ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती का तापमान बढ़ जाएगा। लेकिन उसके बाद धरती पर ठंड इतनी बढ़ जाएगी कि यहां हिम युग की शुरू हो जाएगा। कई रिसर्च से ये अनुमान लगाया गया है कि जब धरती पर मौजूद जीवाश्म ईंधन यानी पेट्रोल, कोयला का भंडार खत्म हो जाएगा तो धरती का वातावरण गर्म होना शुरू हो जाएगा। वैज्ञानिकों को कहना है कि धरती पर मौजूद जीवाश्म ईंधन का अधिक इस्तेमाल से कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा वायुमंडल में अधिक हो जाएगाी, जो ओजोन पर्त को नुकसान पहुंचाएगा। सूरज की अल्ट्रावयलेट किरणों, जो बहुत हानिकारक होती है उसे ओजान परत एक तरह से छानता है, जिससे अधिकांश अल्ट्रावायलेट किरण्ों धरती के वायुमंडल में नहीं पहुंच पाती हैं। लेकिन 23 वीं शताब्दी में जीवाश्म ईंधन के दोहन के कारण बढ़ते कार्बनडाईऑक्साइड के कारण आजोन परत में बड़े-बड़े छेद हो जाएंगे, यानी धरती का औसत तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाएगा। 18वीं शताब्दी में हुई औद्योगिक क्रांति के बाद मशीनीकरण युग की शुरुआत हुई थी और उसके बाद से अब तक ग्लोबल वार्मिंग पर अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक इस निष्कर्स पर पहुंचे हैं कि 5०० साल बाद मिनी आइस युग की शुरूआत होगी, इस कारण से धरती के हर हिस्से में आंटार्टिका जैसा माहौल हो जाएगा।
सौ साल बाद मिल जाएगा ऊर्जा संकट का हल
सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी माइको कैकू ने अनुमान लगाया है कि 1०० साल में मानव सभ्यता धरती पर ऊर्जा संकट का हल दूसरे ग्रह से आयातित ऊर्जा के रूप में खोज लेगा। इस ऊर्जा को नई टेक्निोलॉजी से स्थानांतरण करने में सक्षम हो जाएगा। 26वीं शताब्दी में मानवजाति सौर्य ऊर्जा को इस्तेमाल करने की बेहतर तकनीक को अपनाएगा। धरती के वातावरण को नियंत्रित करने की तकनीक इजाद कर लेगा।
दोगुनी गति से होगा तकनीक का विकास
15वीं शताब्दी से अब तक लगातार तकनीक में बदलाव हो रहा है। आने वाले समय में नई तकनीक और विज्ञान के क्ष्ोत्र में बहुत बड बदलाव देखने को मिलेगा। जाने माने भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स ने अपने कई शोध पत्रों में जिक्र किया है कि 6०० साल बाद हम ऐसे आधुनिक टेक्नोलॉजी की दुनिया में होंगे, जहां पर हर 1० सेकेंड में थ्योरिटिकल फिजिक्स पेपर प्रकाशित होगा, यानी विज्ञान तेजी से तरक्की करेगा। वहीं इस समय हर 18 महीने में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर की स्पीड दोगुनी तेजी से विकिसत होगी।
क्या आप जानते हैं आसमान नीला क्यों दिखता है पढ़ने के लिए क्लिक करें
चांद और मंगल पर रहने लगेंगे इंसान
वैज्ञानिक और लेखक एड्रियन बेरी के अनुसार 26वीं शताब्दी में इंसान का जीवनकाल बढ़कर 14० साल हो जाएगा। हर इंसान के व्यक्तित्व का डिजिटल डेटा खास तरीके से सुरक्षित रखने की टेक्टनोलॉजी विकिसित हो जाएगी, जो उस इंसान का एक तरह से डिजिटल वर्जन होगा, मरने के बाद भी इंसान का अर्टिफिशियल मेमोरी उसी तरह से सोचेगा, तर्क देगा, जिस तरह से वह व्यक्ति अपने जीवनकाल में रहा है। इंसान महासागरों के ऊपर खेती करने की तकनीक विकसित कर लेगा। मानवजाति ब्रह्मांड की लंबी यात्रा आसानी से करने लगेगा, वहीं रोबोट अंतरिक्ष की खोजों में इंसान की मदद करने में सक्षम हो जाएंगे। चांद और मंगल पर रिहायशी कॉलोनियों में नई तकनीक की बदौलत इंसान यहां पर रहने भी लगेगा।