छात्रों के लिए बड़ी खबर रद्द हो सकते हैं CBSE Practical परीक्षा

सीबीएसई ने लिखित परीक्षा की डेट शीट जारी कर दिया है,। वहीं प्रैक्टिकल परीक्षाओं (CBSE Practical Examination) को लेकर नया गाइडलाइन भी जारी किया गया है। आपको यह जानकारी दे दे कि CBSE की बोर्ड परीक्षा 10वीं 12वीं 15 फरवरी से शुरू हो रही है तो वहीं प्रैक्टिकल परीक्षा 1 जनवरी से शुरू होगी। 

प्रैक्टिकल परीक्षा की गाइडलाइन जारी

CBSE ने कक्षा 10वीं 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा की गाइडलाइन जारी कर दिया है। सीबीएसई बोर्ड ने साफ तौर पर कहा है कि प्रैक्टिकल परीक्षा की गाइडलाइन के निर्देशों का पालन नहीं करने पर प्रैक्टिकल परीक्षा रद्द कर दी जाएगी।

बात यह है कि सीबीएसई ने स्कूलों को साफ तौर पर निर्देश दिया है कि  प्रैक्टिकल परीक्षा और प्रोजेक्ट मूल्यांकन में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या 30 है तो 1 दिन में ही प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट परीक्षा का मूल्यांकन करना है। 

1 दिन में दो या तीन सत्र में प्रयोगात्मक परीक्षा (CBSE Practical) और प्रोजेक्ट मूल्यांकन कराने का निर्देश जारी किया है। विद्यालय के प्रधानाचार्य को निर्देश दिया है कि प्रैक्टिकल किए लैबोरेट्री की व्यवस्था को तैयार रखें।

ऑफिशियल इनफॉरमेशन जारी करते हुए कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषणा होने के बाद उसे बदलने के लिए कुछ शिक्षण संस्थान (School) अनुरोध करते हैं।

CBSE Practical परीक्षा के अंक ध्यान से अपलोड करने का निर्देश

 दरअसल आपको बता दें कि प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट मूल्यांकन के लिए अंक का निर्धारण स्कूल द्वारा होता है और उसे सीबीएसई की वेबसाइट पर जल्द से जल्द अपलोड करना होता है। इसके बाद लिखित परीक्षा के अंक और प्रैक्टिकल के अंक मिलकर परीक्षा परिणाम तैयार किया जाता है। 

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लेकिन कुछ स्कूलों द्वारा प्रैक्टिकल अंकों के नंबर बदलने का अनुरोध किया जाता है, जिस कारण से बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट प्रभावित होते हैं। इसलिए स्कूलों को खास निर्देश दिया गया है कि अपलोड किए गए अंकों में किसी भी तरह का बदलाव का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

CBSE की नई गाइडलाइन

आपको बता दे कि बोर्ड परीक्षा करने वाली संस्था सीबीएसई बोर्ड ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि वह प्रैक्टिकल परीक्षा और प्रोजेक्ट आंतरिक मूल्यांकन के अंक एक साथ अपलोड करेंगे।

अंक अपलोड करते समय स्कूल इंटरनल एग्जामिनर और एक्सटर्नल एग्जाम में कोई सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों के मार्क्स सही अपलोड हो रहे हैं कि नहीं।

ऐसा निर्देश इसलिए दिया गया है कि एक बार मार्क्स अपलोड हो जाने पर इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। ऐसे में स्कूल, एक्सटर्नल और  इंटरनल एग्जामिनर को सावधानीपूर्वक मार्क्स अपलोड करना है।

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