गधे पर दो कविताएं: Hindi poetry on donkey

Last Updated on April 14, 2021 by Abhishek pandey

   नया  सृजन  अंक प्रथम  कविताएँ-

गधे पर दो कविताएं: Hindi poetry on donkey

कविता गधे की दुलत्ती (लात)

जो चालाक है, वह बुद्धिमान नहीं है, 

जो बुद्धिमान है वह चालाक नहीं।

असल में चलाक न होना ही सच्ची बुद्धिमानी है,

गधे से बड़ा बुद्धिमान कोई नहीं

 गधा आत्मचिंतन से भरा  है, 

 वह ध्यान केंद्रित करता है

 गधा दुनिया की परवाह  में डूबा,

गधे का अंतिम न्याय 

अन्याय के खिलाफ 

जबरदस्त प्रहार वाला होता है

 गधे की दुलत्ती।

 

गधा बुद्धिमान होता है,

 दोस्तों गधा बेवकूफ नहीं है, 

गधा बुद्धिमान होता है,

 गधा ईमानदार होता है, 

गधा  मेहनती होता है,  

गधा कर्मठ होता है,  

गधा चिंतन में डूबा हुआ सहनशील प्राणी है  गधा किसी का हक नहीं मारता,

 गधा बेईमान नहीं होता है,

गधा बदजुबान नहीं होता है, 

 गधा न्याय  पसंद  होता है, 

 गधा आत्मज्ञानी होता है,

इंसान अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए

 गधे को बेवकूफ कहता है,

 क्योंकि गधा चालाक नहीं होता है, 

असल में जो इंसान चालाक होता है, 

वह कभी गधा जैसा नहीं बन सकता है

 क्योंकि  गधा बुद्धिमान होता है!

 कविता अभिषेक कांत पांडेय

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Abhishek pandey
Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
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