Sanskrit Education देव भाषा संस्कृत एक प्राचीन भाषा है। इसकी उपयोगिता महत्व को समझते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने हर जिले में विशेष स्कूल द्वारा संस्कृत भाषा की शिक्षा देने की शुरुआत की है। इंडिया में संस्कृत एजुकेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। विदेश में भी संस्कृत पढ़ने वालों की संख्या बढ़ रही है।
संस्कृत शिक्षा education in Sanskrit
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के हर जिले में संस्कृत के विद्यालय खुलेंगे और संस्कृत की शिक्षा दी जाएगी। आपको बता दे कि संस्कृत शिक्षा हमारी संस्कृति से जोड़ती है। वेद, रामायण, गीता आदि जैसे ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। इसके अलावा दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा के रूप में संस्कृत प्रतिस्थापित है।
संस्कृत के शिक्षा आम भारतीयों के लिए सुलभ हो और आम जनमानस में संस्कृत बोलचाल की भाषा का विकास हो इसके लिए भारत सरकार कई तरह के कार्यक्रम चलाती है।
संस्कृत विद्यालय
विशेष संस्कृत विद्यालय द्वारा संस्कृत भाषा की शास्त्री पढ़ाई के साथ बोलचाल की संस्कृत सीखने के लिए संस्कृत भाषा में शिक्षा दीक्षा के लिए विद्यालय खोले जा रहे हैं। वाराणसी में संस्कृत विद्यालय “संपूर्णानंद संस्कृत विद्यालय” इस कार्य को बहुत तीव्र गति से आगे बढ़ा रही है। संस्कृत में महान विद्वान यहां से पढ़कर पूरी दुनिया में अपना नाम कमाया है।
अब यूपी में भी विशेष संस्कृत विद्यालय खुलेंगे
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। अब उत्तर प्रदेश में नए संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे। हर जिले में इन विद्यालयों में संस्कृत की पढ़ाई कराई जाएगी।
ये संस्कृत विद्यालय आवासीय होंगे। यहां पर बच्चे रहकर संस्कृत की शिक्षा- दीक्षा प्राप्त करेंगे।
सरकार का उद्देश्य है कि बच्चों में संस्कृत पढ़ने के प्रति रुझान बढ़े।
यूपी में नए संस्कृत विद्यालय सुविधाओं से लैस
आपकी जानकारी के लिए बता दे, उत्तर प्रदेश में खुलने वाले संस्कृत विद्यालय (Sanskrit vidyalay) आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे, यहां पर नए तरीके से संस्कृत पढ़ाया जाएगा। यह संस्कृत विद्यालय कान्वेंट स्कूल के तर्ज पर खोलने का प्लान सरकार बना रही है। संस्कृत विद्यालय में स्पोकन संस्कृत की भी शिक्षा दी जाएगी। संस्कृतम वातावरण में स्मार्ट कक्षा द्वारा संस्कृत इन विद्यालयों में सिखाया जाएगा।
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आधुनिक विषयों पर भी फोकस
Sanskrit education in UP संस्कृति की पढ़ाई के साथ ही आधुनिक विषयों पर भी ध्यान दिया जाएगा। एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई होगी। 12वीं के बाद वोकेशनल कोर्स की शिक्षा दी जाएगी। खबर के मुताबिक 35 से संस्कृत विद्यालय पहले चरण में और उसके बाद 40 नए संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे।
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संस्कृत में करियर career in Sanskrit
विशेषज्ञों के मुताबिक संस्कृत भाषा (Sanskrit language) बहुत बढ़िया करियर है। संस्कृत जानने वालों के लिए संस्कृत के लेखन से लेकर संस्कृत पुस्तकों के अध्ययन और उनकी समीक्षा आदि के काम के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा पूजा और कर्मकांड इत्यादि में भी बेहतरीन करियर संस्कृत विद्वानों के लिए है।
भारतीय संस्कृति, योग-दर्शन आदि को समझने के साथ ही वेद, धार्मिक पुस्तकों और आयुर्वेद को जानने के लिए संस्कृत का अध्ययन आवश्यक हो जाता है। देश विदेश में लोग संस्कृत सीखने के इच्छुक हैं। संस्कृत के विद्वानों को संस्कृत शिक्षक (career in sanskrit teacher)के तौर पर अच्छे वेतन पर जॉब काम मिलता है।
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