Baldivas bhasahn Children Day speech in hindi में आप अपने स्कूल में या कॉलेज में बोल सकते हैं। यहां पर दिये गये विचार और बातें बिल्कुल नये और बालदिवस के महत्व को उजागर करता है। सरल एवं सहज शब्दों में लिखा ये भाषण आपको आसानी से याद हो जाएगा। इस तरह के भाषण बहुत उपयोगी है। इससे आप अनुच्छेद हिन्दी में लिख सकते हैं, ये निबंध लेखन भी कर सकते हैं।
Speech in Hindi to be spoken in school on Children Day 2022
सुप्रभात!
आदरणीय (Baldivas bhasahn)
प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों।
आज मुझे बालदिवस के अवसर पर अपनी बात रखने का मौका मिला है, इसके लिए प्रधानाचार्य महोदय को बहुत धन्यवाद!
आज के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की जयंती है। इस दिन को हम लोग बालदिवस के रूप में मनाते हैं। जवाहर लाल नेहरू जी स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे। वे बच्चों को बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कह कर बुलाते हैं।
नेहरू जी का मानना था कि बच्चे देश के कर्णधार हैं। बच्चों को सही शिक्षा एवं शारिरीक विकास के लिए खेल बहुत जरूरी है।
उनका सपना था कि हर बच्चा शिक्षित हो। आज जब हम बच्चों के बारे में सोचे तो यह सामने आता है कि आज हमारे देश में गरीबी और अशिक्षा ने बच्चों के बचपन को छीना है। आज करोड़ों बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। इन बच्चों के भविष्य के लिए हमें आगे आना चाहिए। बालदिवस वह मौका है, जब बच्चों की भलाई उनके बचपन प्रसन्नता से भर दें। जवाहर लाल नेहरू के सपने को पूरा करें।
सोचिए आज हम चाचा नेहरू को क्या श्रद्धाजंलि दे सकते हैं, बच्चों पर हो रहे अत्याचार—शोषण के खिलाफ आवाज उठाएं। गरीब अभिभावक के बच्चे आज कुपोषित हैं, उन्हें गुणवत्ता वाली शिक्षा नहीं मिल पा रही है। अनाथ बच्चों के साथ शोषण हो रहा है। आइए बाल संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाए। हर दुखी बच्चों की सहायता करें, उन्हें उनका हक दिलाए, ये बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। इन्हीं में से कोई गौतम, तो कोई गांधी, तो कोई सुभाष, तो काई अब्दुल कलाम जैसा बनेगा।
आज बच्चे नशे की अंधी गलियों में भटक रहे हैं। कुछ लालची शोषण करने वाले लोग इन बच्चों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे बालमजदूरी करा रहे हैं।
भारत कुपोषित देशों के एक सर्वें जिसका नाम है ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 102 वां स्थान है, यानी भारत में आज ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें ढंग से भोजन नहीं मिलता है। इस उम्र बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए पोषणवाला खाना जरूरी है।
भारत में हर बच्चा पढ़े लिखे। आइए हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान भर दे। आप लोग प्रण कीजिए कि हर बच्चों काे प्यार, सम्मान, शिक्षा एवं पोषणवाला भोजन देने के लिए उनके हक की लड़ाई के लिए सामने आएंगे।
याद रखिए जब हम देश के हर बच्चे आंखों में आंसू पोछकर उसके लिए मुस्कान भरा बचपन देने के लिए तैयार होने की भावना और उसे करनी में बदलने की सोच रखते हैं तो एक तरह हम अपने बच्चों की खुशी के लिए काम कर रहे हैं।