हुकूमत की धूप

किताबों में कैद गुजरा वक्तबेइंतहा ले रहा है।कुछ कतरन यूंहवा से बातें कर रहेंबीतने से पहले पढ़ा देना चाहते हैंहवा को भी मेरे खिलाफ बहका देना चाहतेइस मिट्टी की मिठासपानी के साथमेरी खुशबू बता देना चाहती है।बे परवाह है इस हुकूमत की धूपअमीरों के घर पनाह लेती है।झोपड़ी का चिरागखेतों तक रौशनी फैला देती हैभटके …

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झोपड़ी

झोपड़ीकहां है घरकिस नगर में हैयह घर कहांमहल की रोशनीआबाद है।घरयहां हैघर नहींमहलों में सनेखून की बूंदें।हर ईंट मेंझोपड़ी की मेंहनत।बीमार झोपड़ीबीमार सरकारी अस्पतालबीमार है तंत्रझोपड़ी में खानाझोपड़ी की आवाजनहीं सुनीसुनसान झोपड़ी पड़ीअभी अभी परिंदा उड़ चुका है।

झोपड़ी

झोपड़ीकहां है घरकिस नगर में हैयह घर कहांमहल की रोशनीआबाद है।घरयहां हैघर नहींमहलों में सनेखून की बूंदें।हर ईंट मेंझोपड़ी की मेंहनत।बीमार झोपड़ीबीमार सरकारी अस्पतालबीमार है तंत्रझोपड़ी में खानाझोपड़ी की आवाजनहीं सुनीसुनसान झोपड़ी पड़ीअभी अभी परिंदा उड़ चुका है।