Last Updated on June 17, 2020 by Abhishek pandey
हमारे जीवन (#life) में ग्रहों के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ग्रह (grah) मनुष्य के जीवन का आधार है। ग्रह और नक्षत्र (nakshatra) सही हो तो मनुष्य को हर सफलता आसानी से मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य के ऊपर नवग्रह के पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ही बताया जाता है।
सूर्य sun, चंद्र moon, मंगल, बुद्ध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु, ये नवग्रह हैं। हमारे जीवन में वैभव, सुख, धन, विवाह, संतान-सुख, सरकारी नौकरी, रोजगार इत्यादि को प्राप्त करने के लिए ज्योतिष के अनुसार उपाय करना आवश्यक होता है। ज्योतिष ज्ञान Jyotish एक विज्ञान है। यह वेद से उत्पन्न हुआ है। वेदों के अनुसार ज्योतिष में ग्रहों का प्रभाव व्यक्तिगत रूप से मनुष्य पर पड़ता है। ग्रह और नक्षत्र का प्रभाव दुनिया में युद्ध, प्रकृति आपदा, भूकंप, महामारी का दुष्प्रभाव के रूप में देखने को मिलता है।
नवग्रहों का हमारे जीवन में अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के अध्ययन के साथ उस मनुष्य पर कमजोर ग्रहों के दुष्प्रभाव को भी देखा जाता है। यदि किसी तरह की समस्याएं हैं तो वह किसी न किसी रूप से ग्रहों के कमजोर होने का दुष्परिणाम ही है। कोई मनुष्य कितनी भी कोशिशें करता है लेकिन उसे सही सफलता नहीं मिलती है तो उसे एक बार जरूर ग्रहों के प्रभाव को ज्योतिष के अनुसार स्वयं का उपचार जरूर करवाना चाहिए।
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*ज्योतिष शास्त्र सही मार्ग दिखाता है*
ज्योतिष शास्त्र यह बताता है कि किस ग्रह के कारण मनुष्य का जीवन कष्टों से भरा हुआ है। इस तरह से उस ग्रह की पहचान करके ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उपाय किए जाते हैं जिससे उस मनुष्य को लाभ अवश्य मिलता है।
*सूर्य ग्रह greh का प्रभाव*
सूर्य वैभव, सुख और राजयोग देने वाला ग्रह है। कुंडली में अगर यह अच्छी स्थिति में है तो मनुष्य प्रभावशाली और महत्वकांक्षी व्यक्तित्व का होता है। सूर्य कुंडली में कमजोर होने पर इंसान को चिड़चिड़ा, घमंडी और आक्रमक बनाता है। नौकरी और व्यवसाय में हमेशा हानि होता रहता है। ज्योतिष फलादेश के अनुसार इस ग्रह की शांति के द्वारा सूर्य के प्रभाव को शक्तिशाली किया जा सकता है।
*चंद्रमा ग्रह moon का प्रभाव*
#Astrology
चंद्रमा ग्रह के अच्छे प्रभाव के कारण माता का सुख, जमीन व भवन वाहन का सुख दिलाता है। यदि चंद्रमा कमजोर होता है तो इन सुखों का अभाव होता है। चंद्रमा की स्थिति अगर सही नहीं है तो हृदय रोग, फेफड़े का रोग, चिंता मानसिक उलझने, खून की कमी, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। धन की कमी चंद्रमा के दुष्प्रभाव के कारण होता है।
*मंगल ग्रह का प्रभाव*
मंगल अगर अच्छा हो तो राजयोग तक मिल सकता है। नेतृत्व की क्षमता का विकास भी करता है। यदि मंगल कमजोर हुआ तो लड़ाई झगड़ा, कोर्ट कचहरी से इंसान परेशान रहता है। दुर्घटना होने की संभावना भी बनी रहती है।
*बुध ग्रह का प्रभाव*
बुध यदि अच्छा है तो बुद्धि, विद्या और धन की वृद्धि होती रहती है। व्यापार में अप्रत्याशित लाभ भी होता है। बुध की ग्रह दशा अगर आपके कुंडली में सही नहीं है तो व्यापार में हानि, चर्म रोग, कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों के चक्रव्यू में इंसान उलझा रहता है।
*वृहस्पति ग्रह का प्रभाव*
वृहस्पति ग्रह के प्रभाव से विद्या-अध्ययन, अध्यात्म में अधिक रुचि होती है। यदि वृहस्पति ग्रह कमजोर हुआ तो विवाह में परेशानी, उच्च शिक्षा में व्यवधान, संतान से दुख, बुद्धि की हानि भी होती है।
*शुक्र ग्रह का प्रभाव*
शुक्र ग्रह के अच्छे होने पर व्यक्ति संगीत, नृत्य, गायन, अभिनय में सफलता प्राप्त करता है। नशा करने की लत का कारण शुक्र ग्रह के कमजोर होने से भी है। किडनी रोग, गुप्त रोग प्रोटेस्ट कैंसर शुक्र के कमजोर होने के कारण होता है।
*शनि ग्रह का प्रभाव* #shani
अगर शनि ग्रह अनुकूल होता है तो मनुष्य को धन से भर भी देता है। कार्यों में बाधा आना कमजोर शनि ग्रह के कारण होता है। दुर्घटना, अयोग्य संतान, शरीर के निचले भाग में रोग होना, धन की हानि कमजोर शरीर के होने के कारण होता है।
*राहु ग्रह का प्रभाव* rahu
अगर राहु ग्रह की स्थिति कुंडली में अच्छी है तो यह अचानक धन लाभ करवा सकता है, जैसे लॉटरी लगना या वसीयत से धन प्राप्त होना। लेकिन इसका प्रतिकूल प्रभाव इंसान को बुरी लत की ओर ले जाता है, जैसे जुआ खेलना, रिश्वतखोरी, सट्टा में इंसान बर्बाद हो जाता है। इसका प्रतिकूल प्रभाव इंसान के मन में आत्महत्या तक के विचार आने लगते हैं। मधुमेह, सिर पर चोट लगना, बीमारी का जल्दी ठीक न होना राहु के दुष्प्रभाव का ही परिणाम होता है।
*केतु ग्रह का प्रभाव* #ketu
केतु ketu# जिस ग्रह के साथ होता है वह उस ग्रह के अच्छे और बुरे प्रभाव को जागृत करता है। कमजोर केतु के प्रभाव से इंसान के साथ विश्वासघात होता है, पुत्र के व्यवहार से भी वह दुखी रहता है। अचानक ऐसी समस्या आती है जिसका समाधान जल्दी नहीं मिलता है। लिवर की बीमारी, हाथ पैर में सूजन, बवासीर रोग से इंसान ग्रसित हो जाता है।
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Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
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