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झोपड़ी

झोपड़ी

कहां है घर
किस नगर में है
यह घर कहां
महल की रोशनी
आबाद है।
घर
यहां है
घर नहीं
महलों में सने
खून की बूंदें।
हर ईंट में
झोपड़ी की मेंहनत।
बीमार झोपड़ी
बीमार सरकारी अस्पताल
बीमार है तंत्र
झोपड़ी में खाना
झोपड़ी की आवाज
नहीं सुनी
सुनसान झोपड़ी पड़ी
अभी अभी परिंदा उड़ चुका है।

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New Gyan Blog for knowledge. Author- Abhishek Kant, Journalist

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