लिखने और बोलने में फ़र्क करता है द़िमाग
क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग शुद्ध रूप से एक वाक्य भले ही न लिख पाए लेकिन बोलने में वे कोई अशुद्धि नहीं करते हैं। ऐसा क्यों?
आइए हम बताते हैं कि हमारा दिमाग लिखने ओर बोलने के दो तरह के सिस्टम में बंटा हुआ है।
एक नये स्टडीज ने इस बात का खुलासा किया। अमेरिका की ‘जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी’ के प्रोफेसर तथा मेन रिसर्च ‘ब्रेंडा रैप’ ने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा कहने के लिए कोई और शब्द जबकि लिखने के लिए किसी और शब्द का इस्तेमाल बेहद चौंकाने वाला था।
हमें इसकी उम्मीद नहीं थी कि वह लिखने में बोलने के लिए अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करेंगे।
ये उस तरह है, जैसे दिमाग में दो आधे-आधे स्वतंत्र भाषा प्रणाली यानी की लैंग्वेज सिस्टम काम करते हैं।
शोधकर्ताओं ने (रिसर्चर) बताया कि यह इसलिए पॉसिबल है कि हमारा दिमाग का बोलने वाला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाए तो लिखने वाला हिस्सा प्रभावशाली बना रहता है। यह कुदरती देन है।
रिसर्च टीम ने बोलने वाले स्ट्रोक के शिकार 5 लोग का अध्ययन करके यह बात सामने रखी है।
यानी कुदरत भी हमारे दिमाग को कई हिस्सों में बांटा ताकि अगर किसी कारण से कोई एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाए तो दूसरे हिस्से से काम किया जा सके।
क्या समझे भाई इसी वीडियो ब्लॉगर जो वीडियो बनाकर अपनी बात कहते हैं, उन्हें लिखने के लिए कहेंगे तो भाषा बदल जाएगी।
अच्छा एक बात सच बताना कि ऊपर के ये दो-ढाई सौ शब्द में लिखी जानकारी लेख डाउनलोड करने में कम समय लगा, जानकारी अधिक मिली। लेकिन इसे वीडियो में बनाता तो सबसे ज्यादा डाटा लगता और जानकारी भी कम ही होती। आप ऊपर लिखे शब्दों को बार-बार पढ़कर अपने काम की चीजों को समझ सकते हैं इसीलिए लिखना-पढ़ना दिमाग के लिए सबसे बड़ा एक्सरसाइज है।
लाइक जरूर करें, ताकि इस तरह की मजेदार रिसर्च को खोज कर लाता रहूं ताकि आपके लाइफ में मनोरंजन के साथ ज्ञानरंजन हो!!
हमें इसकी उम्मीद नहीं थी कि वह लिखने में बोलने के लिए अलग-अलग शब्दों का इस्तेमाल करेंगे।
ये उस तरह है, जैसे दिमाग में दो आधे-आधे स्वतंत्र भाषा प्रणाली यानी की लैंग्वेज सिस्टम काम करते हैं।
शोधकर्ताओं ने (रिसर्चर) बताया कि यह इसलिए पॉसिबल है कि हमारा दिमाग का बोलने वाला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाए तो लिखने वाला हिस्सा प्रभावशाली बना रहता है। यह कुदरती देन है।
रिसर्च टीम ने बोलने वाले स्ट्रोक के शिकार 5 लोग का अध्ययन करके यह बात सामने रखी है।
यानी कुदरत भी हमारे दिमाग को कई हिस्सों में बांटा ताकि अगर किसी कारण से कोई एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाए तो दूसरे हिस्से से काम किया जा सके।
क्या समझे भाई इसी वीडियो ब्लॉगर जो वीडियो बनाकर अपनी बात कहते हैं, उन्हें लिखने के लिए कहेंगे तो भाषा बदल जाएगी।
अच्छा एक बात सच बताना कि ऊपर के ये दो-ढाई सौ शब्द में लिखी जानकारी लेख डाउनलोड करने में कम समय लगा, जानकारी अधिक मिली। लेकिन इसे वीडियो में बनाता तो सबसे ज्यादा डाटा लगता और जानकारी भी कम ही होती। आप ऊपर लिखे शब्दों को बार-बार पढ़कर अपने काम की चीजों को समझ सकते हैं इसीलिए लिखना-पढ़ना दिमाग के लिए सबसे बड़ा एक्सरसाइज है।
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