notebandi nibandh 2023 नोटबंदी पर निबंध अनुच्छेद

Last Updated on May 19, 2023 by Abhishek pandey

नोटबंदी निबंध : 8 नवंबर 2016 को नोट बंदी हुई थी आप इसके बाद सितंबर से पहले ₹2000 का नोट चलन से बाहर किया जा रहा है। यह एक तरह की नोटबंदी है। नोटबंदी का हिंदी में अर्थ नोट को बंद करना होता है और इसका अंग्रेजी में अर्थ Demonetisation होता है। इस आर्टिकल के माध्यम से नोटबंदी पर निबंध दिया जा रहा है और इसके साथ अनुच्छेद लेखन भी दिया जा रहा है।

₹2000 के नोट बंद

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ₹2000 के नए नोट 20 सितंबर 2023 तक ही चलन में रहेंगे इसके बाद इसे बंद कर दिया जाएगा इससे पहले आप अपने ₹2000 के नोट को बैंक को मिलाकर बदल सकते हैं। भारत सरकार आरबीआई द्वारा सूचना जारी की गई है।‌ RBI अब ₹2000 के नोट 20 सितंबर के बाद लीगल टेंडर नहीं रह जाएंगे।

notebandi ka Arth English mein

नोट बंदी को अंग्रेजी में Demonetisation जाता है जिसे शुद्ध हिंदी में विमुद्रीकरण कहा जाता है। सरकार द्वारा जारी किए गए मुद्रा को चलन से बाहर करने के लिए वापस से ग्राहकों से लिया जाता है। नोटबंदी निबंध।

विमुद्रीकरण का परिभाषा

विमुद्रीकरण का अर्थ नोटबंदी साधारण भाषा में कहा जाता है। लेकिन आर्थिक जगत में विमुद्रीकरण का मतलब सरकार के बैंकों द्वारा जब कोई मुद्रा चलन से बाहर की जाती उसे विमुद्रीकरण कहा जाता है।

Essay In Hindi – Demonetisation Essay

400 शब्दों में विमुद्रीकरण यानी नोट बंदी पर निबंध नीचे दिया जा रहा है। आपके लिए उपयोगी है।

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परिचय

जब किसी देश में सरकार द्वारा चलन में नोट और सिक्कों को बंद किया जाता है यानी चलन से बाहर किया जाता है तो इसे नोटबंदी कहते हैं जिसे शुद्ध हिंदी में विमुद्रीकरण कहा जाता है। यानी जो धन मुद्रा के रूप में उस देश में चलन में है उस चलन को समाप्त करने की प्रक्रिया को विमुद्रीकरण कहा जाता है।

नोटबंदी कब कब

नोटबंदी के कारण क्या है? जब नई मुद्रा चलन में लानी होती है तो पुरानी मुद्रा को बंद करना नोटबंदी कहलाता है। आर्थिक जगत में इसे विमुद्रीकरण कहते हैं।‌ भारत में सर्वप्रथम 1946 में ₹500 हजार रुपए और ₹10000 की नोट को बंद कर दिया गया था।

सन 1978 में जब मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने भी 1000, 5000 और 10000 रूपए के नोटों को चलन से हटा दिया था।
सन 2005 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब ₹500 के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था।

समय-समय पर नोट बंदी अवैध धन की निकासी का कारण भी बनता है। समय-समय पर अवैध नोट को निष्क्रिय करने के लिए नोटबंदी जैसी प्रक्रिया अपनाई जाती है। नोटबंदी एक सामान्य प्रक्रिया है। काला धन के रूप में पैसा इकट्ठा करने वालों से निपटने का नोटबंदी एक बहुत बड़ा कारगर तरीका माना जाता है।

नोटबंदी का कारण

भ्रष्टाचार रोकना, काला धन समाप्त करना, नकली नोट बंद करना, महंगाई रोकना, आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने वाले अवैध नोटों को चलन से बाहर कर देना नोटबंदी देश उपयोगी और हित में होता है।

आज के डिजिटल समय में करोड़ों रुपए अगर नगद के रूप में कोई रखा हुआ है तो इसका पूरा ब्योरा होना चाहिए। नहीं तो यह एक तरह से अवैध पैसा हो सकता है। क्योंकि इन पैसों का कोई लेखा-जोखा नहीं होता है। इसलिए भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट लेनदेन को अनिवार्य कर रही है। जिससे अधिक धनराशि पेमेंट के बारे में आयकर विभाग को जानकारी मिल सके।

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नोटबंदी के फायदें

अवैध जमा धन पर लगाम लगता है। महंगाई, भ्रष्टाचार पर नकेल कसा जाता है। खराब नोट को भी आसानी से समय बदला जा सकता है। नोट बंदी के कारण जाली नोट चलन से बाहर हो जाते हैं। आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने वाले से लिए अवैध जाता है नोट।

उपसंहार

नोटबंदी एक ऐसा तरीका है जिससे कि काले धन और अवैध काम के लिए इस्तेमाल होने वाले धन पर रोक लगाया जाता है। नोटबंदी को विमुद्रीकरण भी कहा जाता है। इससे सरकार चलने वाले नोट को वापस ले लेती है और उसके बदले ग्राहक को नए नोट वापस देती है। नोटबंदी निबंध

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