Last Updated on June 21, 2020 by Abhishek pandey
आज के स्कूल एजुकेशन में हिंदी कैसे पढ़ाएं hindi से (हिंदी माध्यम से) पढ़ाना चैलेंजिंग है। इस प्रश्न का समाधान खोजने के लिए सबसे पहले हम निम्नलिखित पॉइंट पर चर्चा करेंगे। यहां पर सरल ढंग से इस बात को समझाने के लिए भाषा में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया गया है।
ln school education system today Hindi teaching why challenging?
बाजार की मांग अंग्रेजी स्किल्ड प्राप्त युवा हैं। इसलिए 90 के दशक से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की पहचान बनी। यहां पढ़ने वाले छात्रों को भी बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए अंग्रेजी की जरूरत उन्हें रोजगार दिलाने में मददगार भी साबित हुआ।
Hindi education system
क्यों मातृभाषा से बच्चा तेजी से सीखता है
Why a child learns faster than mother tongue in Hindi
कोई भी बच्चा अपनी मातृभाषा में बहुत तेजी से सीखता है इसलिए अगर आप उसे हिंदी भाषा में पढ़ा रहे हैं और अगर उसकी मातृभाषा mother toungu Hindi है तो निश्चित ही उसकी सीखने की गति बहुत तेजी से बढ़ेगी।
हिंदी (hindi market )का मार्केट बहुत बड़ा है
Hindi market is very big
- समस्या यह है कि आज अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (English medium school) में हिंदी पढ़ाने के लिए शिक्षकों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। यह बात बिल्कुल सत्य है, क्योंकि हिंदी को एक तरह से दूसरी भाषा समझी जाती है। हिंदी में अंग्रेजी की मिश्रित शब्दावली को ज्यादा आसान लगती है। आज इसी सोच के कारण के अंग्रेजी के महत्व के कारण हिंदी के महत्व को कमतर समझा जाता है।
- लेकिन हिंदी भाषा का महत्व कम नहीं है, क्योंकि इस भाषा में भी रोजगार के साधन हैं। आने वाले समय में और तेजी से विकसित होने वाले हैं। ईमानदारी से कहा जाए तो भारत में हिंदी भाषा के साथ अंग्रेजी और या कोई एक क्षेत्रीय भाषा कोई जानता है तो उसे कला, साहित्य और इनसे संबंधित क्षेत्रों में कैरियर बनाने में कोई दिक्कत नहीं आती है, लेखन के क्षेत्र में या कानून के क्षेत्र में या एक एक्टर बनना हो या फिर विज्ञान के क्षेत्र में ही जाना है तो हिन्दी भाषा hindi एक तरह से जरूरी माध्यम है। Hindi language
हिंदी( hindi needed language) को अपनाइए यह एक जरूरी भाषा है
Adopt Hindi (Hindi needed language), it is an important language
- जैसे ही हिंदी के महत्व (important of Hindi language teaching) को हम समझने लगते हैं वैसे ही हिंदी पढ़ने की रुचि बढ़ जाती है।
- यही बात एक शिक्षक भी समझता है कि अगर बच्चों के पेरेंट्स यानी कि अभिभावक को यह बात समझ में आ रही है कि हिंदी पढ़ना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि देश में आज भी इस भाषा से संपर्क करना आसान हो जाता है क्योंकि हर कोई भारत में हिंदी जरूर जानता है।
- एक तरह से अपनी आत्मीयता की भाषा के तौर पर इसे इस्तेमाल करता है इसके साथ क्षेत्रीय भाषाएं भी हैं, जिन्हें सीखना भी जरूरी है।
कक्षा में हिंदी पढ़ाते (hindi teaching) वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- जब हम कक्षा में हिंदी (hindi teachingvin class) पढ़ाते हैं तो यह ध्यान रखना चाहिए कि प्राइमरी लेवल में उस बच्चे की मातृभाषा क्या है।
- अगर हिंदी ही उसकी मातृभाषा है तो पढ़ाना हिंदी में आसान हो जाता है।
- यानी हिंदी में हम स्ट्रक्शन दे सकते हैं।और हिंदी में उसे समझा सकते हैं लेकिन अगर हम उसकी मातृभाषा हिंदी को नजरअंदाज करते हैं, हिंदी पढ़ाने के लिए अंग्रेजी माध्यम का इस्तेमाल करते हैं तो कक्षा में निश्चित तौर पर बच्चा दिग्भ्रमित होगा और फिर वह हिंदी में रुचि नहीं लेगा।
क्षेत्रीय भाषा अगर मातृभाषा है तब (regional hindi language)
- किसी भी बच्चे की अगर मातृभाषा कोई भारतीय क्षेत्रीय भाषा है और उसे हिंदी भाषा सिखा रहे हैं तो हमें उसे क्षेत्रीय भाषा के माध्यम से हिंदी भाषा सिखाना चाहिए। कहने का अर्थ है कि हिंदी सिखाते समय उस छोटे बच्चे को उसके क्षेत्रीय भाषा से जोड़ना चाहिए ताकि उसकी रुचि उसमें उत्पन्न हो सके क्योंकि बच्चा अपनी क्षेत्रीय भाषा में चीजों को समझता है और वह फिर उसी चीज को हिंदी में रिलेट करने की कोशिश करता है।
- जैसे-जैसे वह ऊंची कक्षा में जाता है, वह हिंदी में भी वार्तालाप वा लेखन करना सीख लेता है। सही-सही हिंदी लिखना भी जान जाता है। इसके साथ ही वह अपने स्कूल में अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए तत्पर रहता है।
- आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते बच्चा अंग्रेजी-हिंदी (hindi-English) और क्षेत्रीय भाषा बहुत ही अच्छे तरीके से लिखना पढ़ना बोलना सीख चुका होता है।
- अगर हम प्राइमरी लेवल में उसे हिंदी की कक्षा में अंग्रेजी के साथ हिंदी मिक्स mixed करके सिखाते हैं तो उस बच्चे की न अंग्रेजी (English ) सही हो पाती ना हिंदी (Hindi) सही हो पाती है।
- यह समस्या हमें देखने को मिलती है कि हायर क्लास (Class) तक पहुंचते-पहुंचते बच्चा ढंग से लिख नहीं पाता है और न अंग्रेजी लिख पाता है। यह समस्या इतनी विकट हो जाती है कि उस उम्र में सिखा पाना इतना आसान नहीं होता है।
स्कूली शिक्षा हिंदी भाषा में चुनौती का समाधान
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Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
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