कई बार चुनाव जीतें
हर बार आ बैठें घोसले में
बच्चों को सिखाया
राजनीति के दाव-पैतरे
क्योंकि उनके बाद उन्हें संभालनी थीं
विरासत की सत्ता
क्योंकि देश को चलन था
वंशो की बैशाखी पर।
अभिषेक कान्त पाण्डेय
कई बार चुनाव जीतें
हर बार आ बैठें घोसले में
बच्चों को सिखाया
राजनीति के दाव-पैतरे
क्योंकि उनके बाद उन्हें संभालनी थीं
विरासत की सत्ता
क्योंकि देश को चलन था
वंशो की बैशाखी पर।
अभिषेक कान्त पाण्डेय