Allian कहाँ छिपे हैं आइए जाने

Allian कहाँ छिपे हैं आइए जाने

एलियन. याद कीजिए जब आप कक्षा दो या तीन में पढ़ते थे तो उस समय हमें जीवन के बारे में बताया जाता था। पेड़-पौधे जीव-जंतु यह सब जीवित हैं और ये पहाड़, नदियां, पत्थर, मिट्टी ये सब जीवित नहीं हैं। जीवन का मतलब सांस लेना, बढ़ना है, चलना-फिरना, खाना खाना हैं, इन सब लक्षणों के आधार पर हम लोग सामान्य तौर पर उन्हें जीवित कहते हैं।

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जीवन क्या है यह बताना कठिन

वैज्ञानिक भी अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि जीवन किसे कहा जाए या इसका कैसा रूप होता है।
आप सोच रहे होंगे यह कैसी बात! दोस्तों जब हम जीवन की बात करते हैं तो केवल धरती पर जीवन की बात करते हैं और उन्हीं लक्षणों को ध्यान में रखकर जीवन को खोजते हैं। पर वैज्ञानिक इस ग्रह के बाहर पूरे ब्रह्मांड में जीवन की खोज में लगे हुए हैं। जाहिर है कि जीवन की परिभाषा धरती के जीवन की परिभाषा से पूरी ब्रह्मांड के जीवन की परिभाषा से इत्तेफाक ना रखता हो? दोस्तों इस सवाल की पहेली सुलझाने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञानिक माथापच्ची कर रहे हैं।
एलियंस होते हैं या अफवाह
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तो मैं आपको ले चलता हूं, इस मजेदार सफर में और पता करते हैं कि आखिर एलियंस होते भी हैं या केवल अफवाह है।
मशहूर साइंटिस्ट हेलन शर्मन (Helen Sharman) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस दुनिया में एलियन है लेकिन क्या वे हमारी तरह से होते हैं? उन्होंने कहा कि क्या वह कार्बन और नाइट्रोजन के ही बने हैं? उनका यह कहना कि एलियन हमारे आसपास है और वह हमें दिखाई नहीं देते हैं, यह सबसे आश्चर्यजनक बातें हैं।
दोस्तों! आइए इन सब बातों की पड़ताल करते हैं।
साइंटिस्ट शर्मन की बातों ने एलियंस की मौजूदगी के बारे में जो तर्क दिए उन पर कई वैज्ञानिक भी विचार कर रहे हैं और इसे साबित करने के लिए कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं।
शैडो बायोस्फीयर में छिपा है राज
साइंटिस्ट शर्मन इस बात से भी इनकार नहीं करते हैं कि हमारे इसी धरती पर शैडो बायोस्फीयर (छाया जीवमंडल) है और इसे हम अनुभव ही नहीं कर पा रहे हैं। यहां भूत प्रेत की बात नहीं हो रही है बल्कि यह छिपे हुए एलियन की है, यह कहना सही है कि ये हमें दिखाई नहीं देते हैं, ऐसे बुद्धिमान जीव हैं जो अलग तरह के केमिकल के बने हो सकते हैं, जिसे हम समझ नहीं पा रहे हैं। जिस छायामंडल का जिक्र हो रहा है, साइंटिस्ट ने इसे इतना छोटा माना है कि हम इसका अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं।
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सिलिकॉन आधारित जीवन


जब भी दूसरी दुनिया में जीवन की बात होती है तो हमें फिल्मों वाले एलियन ही नजर आते हैं। लेकिन साइंसटिस्ट जीवन के आधार के बारे में अलग-अलग तरीके से सोचते हैं। इस ब्रम्हांड में जीवन केवल सभी जगह धरती की तरह हो, ऐसा संभव नहीं हो सकता, वैज्ञानिक यही मानते हैं।



एक चर्चित थ्योरी (Theory) की बात मैं यहां करने जा रहा हूं। वैज्ञानिक मानते हैं कि कार्बन के आधार पर जीवन की जगह एक वैकल्पिक तरीका प्रकृति का सिलिकॉन के आधार पर जीवन इस ब्रह्मांड में हमें मिल सकता है।
इस बात के प्रमाण के वैज्ञानिक यह भी कहते हैं कि धरती का 90 फ़ीसदी हिस्सा सिलिकॉन, लोहा, मैग्नीशियम और ऑक्सीजन से ही बना है। इसलिए यह संभावना वैज्ञानिक जता रहे हैं कि इन चारों एलिमेंट्स से जीवन बन सकता है।
उधर कुछ वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन आधारित जीवन की उत्पत्ति का भी दावा किया था। इधर शनि ग्रह के उपग्रह टाइटन सिलिकॉन भरपूर मात्रा है। धरती का अधिकतर सिलिकॉन चट्टानों में है। इसलिए धरती के जीवन की उत्पत्ति का रसायनिक अलग है। लेकिन ब्रह्मांड में भरपूर सिलिकॉन है इसलिए वैज्ञानिक सिलिकॉन आधारित जीवन जीवन की खोज की तरफ सोच रहे हैं।
खैर इस तरह की संभावनाओं पर वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।
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