Last Updated on March 11, 2023 by Abhishek pandey
mashroom ki kheti kaise kare / मशरूम की खेती कैसे करें मशरूम उगाना फायदेमंद
मशरुम उगाना युवाओं के लिए एक अच्छा व्यवसाय साबित हो रहा है, या सेहत का रखवाला है इसलिए इसकी मांग बढ़ रही है लेकिन आपूर्ति उतनी नहीं हो रही है। ऐसे में यहां पर साए आपके लिए फायदेमंद हो सकता है जाने मशरूम उगाने का रोजगार कैसे करें।
मशरूम की खेती कैसे करें
new business idea : सेल्फ एंप्लॉयमेंट आजीविका का एक बेहतर साधन है। सरकार लगातार स्वरोजगार Self-employment को बढ़ावा देने वाली योजनाओं पर बल दे रही हैं। इन्हीं स्वरोजगार योजना में मशरूम उत्पादन भी एक है। इससे गांवों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। भारत में मशरूम की माँग में बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए मशरूम के बड़े पैमाने पर उगाने की आवश्यकता है। मशरूम की मांग को देखते हुए अब गांव ही नहीं शहरों में भी शिक्षित युवा मशरूम उगाने को कैरियर के रूप अपनाने लगे हैं। मशरूम की खेती छोटी जगह और कम लागत में शुरू किया जा सकता है लागत की तुलना में मुनाफा कई गुना अधिक होता है।
आओ जाने मशरूम के बारे में
mashroom ki kheti: मशरूम एक पौष्टिक आहार है। इसमें अमीनो एसिड खनिज लवण विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व होते हैं। मशरूम हॉट और डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा की तरह काम करता है। मशरूम में फोलिक एसिड और लावणी तत्व पाए जाते हैं जो खून में रेड सेल्स बनाते हैं। आज घरेलू उपयोग में मशरूम की मांग बढ़ी है। भारत में होने वाले वाइट बटन मशरूम की खेती ट्रेडिशनल तरीके से ही की जाती है।
कहां पैदा हो सकता है मशरूम?
मशरूम उत्पादन में मौसम का खास महत्व है इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता पूर्णविराम मशरूम की एक वैरायटी वाल वेरियल्ला के लिए तापमान 30 से 40 डिग्री सेल्सियस व नमी 80 से ज्यादा होना चाहिए 4 विराम इसकी पैदावार अप्रैल से अक्टूबर के बीच में किया जाता है। ओयस्टर मशरूम के लिए तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस और नमी 80 फ़ीसदी से अधिक होनी चाहिए। इसके उत्पादन के लिए सितंबर से अक्टूबर का महीना बेहतर माना जाता है। टेंपरेट मशरूम के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान व 70 से 90 फ़ीसदी नमी जरूरी है। इसका उत्पादन अक्टूबर से फरवरी के बीच ठीक रहता है।
कितने दिन में तैयार हो जाता है मशरूम
मशरूम दो से तीन महीनों में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। मशरूम रेफ्रिजरेटर में 3 से 6 दिन तक ताजा बना रहता है। सामान्य तौर पर एक बार में दो से तीन बड़ी पैदावार ली जा सकती है।
मशरूम से कई व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं। मशरूम के प्रोडक्ट बनाकर बेचना एक अच्छा व्यवसाय हो सकता है। मशरूम पाउडर, मशरूम का पापड़ और मशरूम का अचार तैयार करने का काम को छोटे उद्योग के स्तर पर किया जा सकता है। फार्मास्यूटिकल कंपनियों निधि मशरूम की मांग होने लगी है। खाने वाले मशरूम की 280 वैरायटी भारत में पैदा होती हैं। गुच्छी किस्म का मशरूम भारत में सबसे ज्यादा पैदा किया जाता है। घरेलू उपभोग की बजाय एक बड़ा हिस्सा विदेशों में निर्यात किया जाता है।
mashroom ki kheti सामान तकनीक से मशरूम का पैदावार करने वालों की तुलना में आधुनिक एवं ट्रेंड लोग कई गुना अधिक मशरूम की पैदावार कर लेते हैं। हर हफ्ते कम से कम 5 से ₹10000 तक कमा लेते हैं। पैदावार की अधिकता सीधे-सीधे आए को कई गुना बढ़ा देती है। देश में मशरूम की बढ़ती डिमांड को तभी पूरा किया जा सकता है जब पैदावार में तेजी से इजाफा किया जाए। मशरूम सर्दियों में 200 से ढाई ₹100 प्रति किलो जबकि गर्मियों में पैदा की जाने वाली किस्म की कीमत 250 से ₹300 प्रति किलो रहती है। प्रत्येक पैदावार से करीब ₹45000 तक की कमाई कर सकते हैं।
मशरूम उगाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर
किसी भी काम को करने के लिए उसकी टेक्निक को जानना बहुत जरूरी है मशरूम उगाने के लिए 15 दिन से लेकर 6 महीने तक के कई कोर्स उपलब्ध है।सूची नीचे दी गई है-
गोविंद बल्लभ भाई पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी पंतनगर उत्तराखंड वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट जीबीपीयूएट डॉट एसी डॉट इन
- पादप रोग संभाग भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा नई दिल्ली वेबसाइट www.iari.res.in
- आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी आनंद गुजरात वेबसाइट www. aad.in
- राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर बिहार वेबसाइट www.pusavarsity.org.in
- राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र चंबाघाट सोलन हिमाचल प्रदेश।
- हिसार कृषि अनुसंधान हिसार हरियाणा।
तकनीकी जानकारी के लिए कोर्स
मशरूम की खेती में रुचि लेने वाले लोग के लिए देशभर के अलग-अलग कृषि यूनिवर्सिटी व कृषि अनुसंधान केंद्र में 1 से 2 हफ्ते और मंथली डोनेशन के कोर्स कंडक्ट किए जाते हैं। इन कोर्स का उद्देश मशरूम की खेती की तकनीक व बीजों की अच्छी नस्ल की जानकारी देना है। मशरूम की खेती शुरू करने से पहले टेक्निक की जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी है। तकनीकी हुनर से ही अच्छी मशरूम की पैदावार की जा सकती है। आमतौर पर ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए शैक्षिक ज्ञान और उम्र सीमा संबंधित कोई बाध्यता नहीं होती लेकिन मशरूम की खेती बड़े वैज्ञानिक तरीके से की जाती है इसलिए तकनीकी पहलुओं को समझने के लिए अगर आप आठवीं या दसवीं पास है तो बेहतर होगा।
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Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
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