Last Updated on December 10, 2023 by Abhishek pandey
क्या आप हिंदी में विज्ञान साहित्य के पहले लेखक का नाम जानते हैं? क्या आप जानते हैं?
दोस्तों हम बताने जा रहे हैं, हिंदी साहित्य के पहले ऐसे शख्स का नाम जिन्होंने हिंदी में विज्ञान साहित्य में रचना करने का श्रेय जाता है। हिंदी साहित्य को तकनीक ज्ञान और अन्वेषण की दुनिया से जोड़ दिया। दोस्तों उन्होंने 350 किताबें लिखी हैं। आज भले ही उन्हें लोग ने भुला दिया है लेकिन हम यह जानकारी आपके लिए खास तौर पर लाए हैं।
पंडित जगपति चतुर्वेदी (Pandit Jagpati Chaturvedi) जब तक जीवित थे, पूरे मनोयोग से हिंदी साहित्य के लिए समर्पित रहें। हिंदी साहित्य में विज्ञान लेखन (Hindi Sahitya Vigyan Lekhak) की विधा से उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से युवाओं को आकर्षित किया। उस समय ज्ञान-विज्ञान अंग्रेजी में लिखा पढ़ा जाने का दौर रहा था, लेकिन अब तकनीक और विज्ञान लेखन हिंदी (vigyan hindi lekhak) में भी हो रहा है। पठन-पाठन भी बहुत तेजी से हिंदी में हो रही है। अनमोल और दुर्लभ जानकारियों से भरी अपनी लेखनी से पंडित जगपति चतुर्वेदी ने दशकों पहले हिंदी को विज्ञान से जोड़ा था। अपनी लेखनी में गंभीर रहने वाले पंडित जगपति चतुर्वेदी ने कभी भी चकाचौंध की जिंदगी और खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाने के चक्कर में नहीं रहे। विज्ञान के क्षेत्र में हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए उनकी मुहिम बिना किसी महिमामंडन के हिंदी विज्ञान लेखनी उनकी आगे बढ़ती रही है। अपने समय में हिन्दी साहित्य को ज्ञान विज्ञान के अनमोल धरोहर से समृद्ध कर रहे थे।
आज विज्ञान साहित्य लेखक पंडित जगपति चतुर्वेदी हमारे बीच नहीं हैं। हिंदी में विज्ञान साहित्य की लिखी उनकी किताबें आज भी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज में संभाल कर रखी हैं।
हिंदी साहित्य (Hindi Sahitya) के पहले विज्ञान लेखक जगपति चतुर्वेदी जी अपने जीवन में अपने लेखनी के प्रति प्रतिबद्ध और समर्पित थे। (Pandit Jagapati Chaturvedi, the first science writer of Hindi literature (Hindi Sahitya), was committed and devoted to his writing in his life.)
आज भी देश की बहुत सी लाइब्रेरी में उनकी किताबें पत्र पत्रिकाएं रखी हुई हैं। उनकी कला, साहित्य, विज्ञान, विचार पुस्तकों के रूप में संग्रहित है। जगपति चतुर्वेदी के हजारों लोग इस बात को प्रमाणित करते हैं कि हिंदी के विज्ञान साहित्य को उन्होंने अपनी लेखनी से समृद्ध किया है। उन्हीं की विरासत आगे हिंदी में विज्ञान साहित्य लिखने की चल पड़ी है।
जब केवल हिंदी साहित्य और सूचना तक की ही भाषा सीमित थी तब पंडित जगपति चतुर्वेदी ने हिंदी भाषा को विज्ञान के साहित्य रचनाओं से जोड़ा, इस वजह से हिंदी के पाठकों को अनमोल और दुर्लभ जानकारी रोचक तरीके से हिंदी में मिलने लगी। उस समय की बड़ी छोटी सभी पत्रिकाओं में पंडित जगपति चतुर्वेदी की हिंदी में विज्ञान साहित्य लेख आदि पढ़ने के लिए लोग बड़े उत्साहित रहते थे। बकायदा उस समय उनके लेखों का प्रचार प्रसार होता था और हर पत्र-पत्रिकाओं में छाए रहते थे।
बाल साहित्य में भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण रचनाएं की। बच्चों के लिए बड़े रोचक अंदाज में पंडित जगपति चतुर्वेदी ने कई महत्वपूर्ण बाल रचनाएं लिखी जो हिंदी साहित्य का हिस्सा हो गई है।
पंडित जगपति चतुर्वेदी जाने-माने साहित्यकार के साथ बैठक भी करते थे। उनके परम मित्रों में उस समय सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी, राहुल सांकृत्यायन, श्री नारायण चतुर्वेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, अमरकांत, नागार्जुन ,इलाचंद्र जोशी, शिवमंगल सिंह सुमन, डॉक्टर जगदीश गुप्ता, अजित पुष्कल, माता बदल जयसवाल सहित और भी न जाने कितने महत्वपूर्ण हिंदी के विद्वान लेखक थे।
पंडित जगपति चतुर्वेदी भारत की आजादी में एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में भी संघर्ष किया था। कई वर्षों तक उन्होंने फौज में अपनी सेवाएं भी दी थी। बलिया के रहने वाले पंडित जगपति चतुर्वेदी पढ़ाई लिखाई के लिए इलाहाबाद आए और फिर पूरा जीवन इलाहाबाद में ही उन्होंने बिताया। इलाहाबाद में ही रहकर उन्होंने हिंदी साहित्य को विज्ञान साहित्य अनमोल धरोहर से सजा दिया। उन्होंने हजारों लेख विज्ञान विषय के हिंदी में लिखें। हिंदी साहित्य की विज्ञान की उनकी 350 से अधिक किताबें आज भी पाठकों जिज्ञासा को शांत कर रही है।
पंडित जगपति चतुर्वेदी विज्ञान पुरस्कार
उत्तर प्रदेश सरकार ने पंडित जगपति चतुर्वेदी के नाम से एक पुरस्कार हर साल विज्ञान के किसी युवा लेखक को दिया जाता है। हिंदी में विज्ञान साहित्य को बढ़ावा देने का श्रेय पंडित जगतपति चतुर्वेदी जी की स्मृति में दियाा जाने यह विज्ञान पुरस्कार एक तरह से हिंदी साहित्य विज्ञान का सम्मान है।
दोस्तों पंडित जगपति चतुर्वेदी के हिंदी साहित्य में लिखे गए विज्ञान लेख की भरपूर जानकारियां आज भी उपयोगी है। हिंदी साहित्य विज्ञान लिखने वाले पहले लेखक हैं, जिन्हें हम लोगों ने लगभग भुला दिया गया है लेकिन आज हम उनके बारे में जानकारी लेकर आए हैं, आपको कैसा लगा हमें जरूर लिखकर बताएं। हर विज्ञान प्रेमी अपनी भाषा में विज्ञान साहित्य को पढ़ना चाहता है और हिंदी साहित्य में विज्ञान के माध्यम से ज्ञान और वैज्ञानिक बातें बताने वाले अपने लेखन कार्य से पंडित जगपति चतुर्वेदी हमारे हृदय में हमेशा बसे रहेंगे। यह आर्टिकल एजुकेशन और हिंदी साहित्य के बारे में पाठकों को जानकारी देने के लिए लिखा गया है।
यह आर्टिकल कई साहित्यकारों के फेसबुक और उनकी स्मृति के बारे में बताएं गए लेखों के जरिए लिखा गया है। आज की पीढ़ी यह बात नहीं जानती है और इंटरनेट पर इस तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है इसलिए विभिन्न स्रोतों से यह जानकारी इकट्ठी करके दी जा रही है।
आभार साहित्यकार अजामिल व्यास के सोशल मीडिया एवं विभिन्न लेख के माध्यम से।
छवि सोशल मीडिया से आभार
Edited by Ena Pandey
Author Profile
-
Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
newgyan.com Blog include Career, Education, technology Hindi- English language, writing tips, new knowledge information.
Latest entries
- DayApril 24, 2024Vishva Panchayat Divas विश्व पंचायत दिवस क्यों मनाया जाता है? GK
- Hindi English words meaningsApril 9, 2024पोटेंशियल सुपर पावर का अर्थ हिंदी में और भारतीय राजनीति में इसका महत्व
- Career NewsApril 5, 2024cbse skill education : सीबीएसई स्कूलों में स्किल एजुकेशन शुरू, छात्र मेन सब्जेक्ट के साथ पढ़ सकते हैं AI
- CBSEApril 5, 2024सीबीएसई पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव 10वीं 12वीं के पाठ्यक्रम को डाउनलोड करें
मैं इस लेख के लेखक का नाम जानना चाहता हूं क्योंकि ये मेरे नाना जी हैं और मैं इनकी सबसे बड़ी पुत्री मालती पाण्डेय जी का ज्येष्ठ पुत्र हूं