Who is the Hindi writer who is famous for maithili Yatra?
नागार्जुन का जन्म 30 जून 1911 को हुआ था। इनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था। नागार्जुन नाम से हिंदी में भी कविताएं लिखते थे जबकि मैथिली भाषा में यात्री उपनाम से काव्य लिखा है।
घुमक्कड़ स्वभाव के थे, उस समय की सरकारों पर प्रश्न उठाते थे और जनता की आवाज बनकर कविता लिखते थे। इसी तरीके से मैथिली भाषा में भी उनकी कविताएं आज भी लोगों के जुबान पर है। बिहार के क्षेत्र में बोली जाने वाली मैथिली भाषा के महान कवि हैं और उन्होंने उस भाषा में रचनाएं करके भाषा को जीवित रखने का एक बड़ा काम भी किया है।
Who the Hindi writer who is famous for maithili Yatra
नागार्जुन जी बाबा के नाम से प्रसद्ध है। वे मैथिली के सबसे बड़े कवि थे। वे प्रसिद्ध समाजवादी, प्रगतिशील जनकवि थे। हिन्दी भाषा के लोकप्रिय कवि हैं। उनका जन्म 30 जून 1911 को बिहार के दरभंगा जिले के सतलखा तरौनी गांव में हुआ था। वे साधारण परिवार के थे। उनके पिता एक किसान थे। वे ब्राह्मण परिवार के थे, इसलिए अपने पिता के साथ वे आरम्भ में आसपास के गांव में पुरोहिती कार्य के लिए जाया करते थे। इधर वे मैथिली भाषा में कविता भी लिखने लगे। यात्री नाम से उन्होंने मैथिली भाषा में कविता लिखना शुरु किया। बाद में बुद्ध के जीवन से प्रभावित हुए और अपना नाम नागार्जुन रख लिया। हिन्दी में उन्होंने नागर्जुन नाम से कविताएं लिखीं।
नागार्जुन की कविता क्लास 10th सीबीएसई बोर्ड क्षितिज भाग 2 में दंतुरित मुस्कान है। नागार्जुन की या कविता सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम में पूछी जाती है। दंतुरित मुस्कान एक छोटे से बच्चे की मुस्कान पर आधारित यह यह कविता नागार्जुन की विशेष कविता है। काफी समय व्यतीत हो जाने के बाद भी अपने घर पहुंचते हैं और वहां पर छोटे से बालक को देखकर बहुत ही खुश होते क्योंकि उस छोटे से बालक के अभी-अभी दांत निकले हुए हैं और उसकी हंसी इतनी मनमोहक होती है, जैसे मृतक में भी जान डाल दे। उस दंतुरित मुस्कान वाले बच्चे को देखकर कोई भी दुखी इंसान प्रसन्न हो जाए।