Comedy Actor बनने के लिए Tips
कॉमेडियन यानि हँसाने वाली एक्टिंग करने वाले एक्टर को जब आप सिनेमा के पर्दे पर देखते हैं तो आप हंसने की मुद्रा में आ जाते हैं। किसी को हंसाना बहुत मुश्किल काम है। कुछ एक्टर इतने मझे हुए होते हैं कि उनकी हाव भाव में भी दर्शक को हंसी आ जाती है। सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन इस कारण से भी बहुत फेमस हुए थे।
हास्य-एक्टर यानि कॉमेडियन बनना आसान नहीं है। हिन्दी फिल्मों के जानेमाने हास्य अभिनेताओं जैसे जानीवॉकर, जगदीप, असरानी इनकी बेजोड़ एक्टिंग पूरे फिल्मों में बेहद प्रभावशाली रहती थी। ऐसे कई मजेदार एक्टिंग और सिनेमा जगत के कई पहलूओं पर जानकारी देने के लिए हम लेकर आए हैं, जाने-माने एक्टर और लेखक ’आशीष कांत पांडेय’ जी को, जो आपको एक्टिंग व सिनेमा जगत से संबंधित खास जानकारी से रूबरू करवाएंगे, आज से लेख की एक सीरीज शुरू करने जा रहे हैं, इस कड़ी में पहला लेख हास्य एक्टिंग पर आधारित है, यानि एक अच्छा कॉमेडियन कैसे बने- Comedy Actor
(resonators)
जीवन में खुश रहना है तो हँसना भी जरूरी है। लेकिन टेंशन भरे इस दुनिया में हमारे चेहरे से हँसी गायब हो गई है। आइए हँसाने के कई तरीके जानें, यह भी जाने कि एक कॉमेडी एक्टर में खास क्या होता है?
इस लेख में आज हास्य-अभिनय की बारीकियों के बारे में मैं जिक्र करने जा रहा हूं। ये लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।
हेरा-फेरी फिल्म
Comedy actor हास्य-अभिनय के यानी एक्टिंग के लिए टाइमिंग का सही प्रयोग जरूरी है
(resonators)
हास्य-अभिनय comedy actor करने के लिए टाइमिंग का प्रयोग करना सीखें। एक अभिनेता के तौर पर हास्य-अभिनय के लिए हाथ का सही संचालन एक्टिंग में करना जरूरी है। सबसे पहले आप डायलाग के साथ अपने चेहरे की भाव-भंगिमाओं को सही टाइमिंग के साथ प्रस्तुत करना चाहिए।
बोले गए डायलाग के साथ आपके चेहरे का भाव यानी एक्टिंग उसी के जैसा होना चाहिए। सही टाइमिंग से ही आप उस डायलाग में जान फूंक पाएंगे। इस तरह से जो हास्य निकलकर आएगा वह लोगों को हंसाने पर मजबूर कर देगा। दर्शक डायलाग के साथ चेहरे की भाव-भंगिमा को आसानी से समझ पाएंगे, इस तरह दर्शक एक्टिंग में आनन्द लेने लगेंगे।
दोस्तो! हास्य-अभिनय में आपको एक बेहतरीन टाइमर की तरह प्रयोग करना आना चाहिए।
बलकुल उसी तरह जैसे क्रिकेट के खेल में विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी (Mahendar Singh Doni) विकेट कीपिंग करते हुए देखा होगा। उन्होंने जब भी कभी स्टंपिंग किया है तो अपने बेहतरीन टाइमिंग का इस्तेमाल करके किया है।
कब विकेट पर हिट करना है? ध्यान से रुक कर फिर उसके बाद हिट करते थे, बल्लेबाज का पैर जब ऊपर उठता है तो वे सही मौके पर बॉल को पकड़कर विकेट से छुआ देते हैं, यानी सही टाइमिंग का इस्तेमाल किया। इसी तरह आपको अपने हास्य-अभिनय में भी एक बेहतरीन टाइमिंग का इस्तेमाल करन आना चाहिए।
सही टाइमिंग का इस्तेमाल आपको किस तरह किसी डायलॉग में कितने समय के साथ कितने संवाद के साथ, किस रिजोनेटर्स के साथ बोलना है, उसे ठीक करना और उसका इस्तेमाल करना, बेहतरीन ढंग से आना चाहिए।
रिजोनेटर्स (resonators) का मतलब एक्टिंग
में डायलॉग डिलीवरी करते समय किरदार के अनुसार उसे प्रेजेंट करने का तरीका है जैसे मान लीजिए कि कोई लेटा हुआ है और उसके घुटने में बहुत दर्द हो रहा है तो उठते समय अपने दर्द को वह डायलॉग में प्रस्तुत करेगा, “वह कितना दर्द हो रहा है मेरे पैरों में चला नहीं जाता है और तुम कहते हो कि मैं तुम्हारे साथ चलूं।”
दूसरे उदाहरण से समझे, महाभारत में भीष्म पितामह जब मृत्यु शैया पर लेटे हैं तोतब वे अर्जुन या भीम को संबोधित करते हुए बोलते हैं तो उनकी पीड़ा व करहाने की आवाज और धीरे-धीरे बोलना और सांस लेने की तेज आवाजउनके कष्ट को दिखाता है, के साथ ही वह कोई डायलॉग बोलेंगे लेकिन जब भीष्म पितामह युद्ध के मैदान में लड़ रहे हैं, तब वे युद्ध गर्जना के साथ ललकार कर युद्ध कर रहे हैं तो डायलॉग में भी वही उत्साह दिखाई देगा, यहां सारे डायलॉग वीर रस और क्रोध से भरे हुए होंगे।
दर्शक कॉमेडी में नयापन चाहता है, पैटर्न पर नए कलेवर के कारण वह कॉमेडी कुछ समय लोगों को गुदगुदाएगी लेकिन जल्द ही कॉमेडी एक्टर की तरह आपको नया सोचन होगा। जैसे, द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज का पैटर्न दर्शक देख बोर हो गए। उसी तरह पैटर्न कॉमेडी comedy में कई किरदार कॉमेडी में वैरायटी लाते हैं, जैसे- ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (Tarak Mehata Ka Ulta Chasma) धारावाहिक की सफलता इसी बात पर ध्यान दिलाता है। इसी तरह ‘भाभी जी घर पर हैं’ (Bhabi je ghar per hain) धारवाहिक (TV Serial) भी एक तरह से पैटर्न पर होते हुए नई कहानी के साथ, हर दिन नया कॉमेडी पैदा करता है, इसीलिए ये सफला हास्य धारवाहिक में आते हैं।
Comedy acting में न्यू आइडिया के साथ नयी ताजगी जरूरी है
ये बात बिलकुल सही है, अपने अभिनय में नयी ताजगी का और एक नयापन का अनुभव लाएंगे तो दर्शक आपके इस नयेपन पर भरोसा करेंगे, यानी अब दर्शक आपके हास्य अभिनय को पसंद कर रहे हैं। मान लीजिए कि आप किसी ऐसे किरदार का अभिनय कर रहे हैं जिसकी आवाज किसी काल्पनिक किरदार या किसी विशेष जगह के रहने वाले किरदार की आवाज से मिलती है तो आपको उस रिजोनेटर्स का इस्तेमाल करना होगा, जैसे बंगाली, मद्रासी या पंजाबी या फिर नेपाली की आवाज की भूमिका की नकल करना आना चाहिए। उनकी उस भाषा में प्रचलित बोलने का तरीका आना जरूरी है। बहुत से लोग यह सोचते हैं कि यह मुश्किल है लेकिन यह मुश्किल नहीं है। यह तो रिजोनेटर्स का सही इस्तेमाल है, जिसका उपयोग अप उस किरदार में कर रहे है। सही टाइमिंग, पिचिंग और डायलॉग पर आप इसे और बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं, जैसे पुराने फिल्म रिजोनेटर्स का उपयोग है जिसका आप उस किरदार के अंतर्गत कर रहे हैं और टाइमिंग पिचिंग और डायलॉग पर आप इसे और बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं, जैसे पुराने फिल्म अभिनेताओं में हास्य अभिनेताओं में महमूद, जानीवाकर, जॉनीलीवर से लेकर आज तक के सारे अभिनेता है। इसमें अब बहुत सारे ऐसे अभिनेता (Actor)भी शामिल हो गए जो पहले केवल फिल्म में हीरो की भूमिका किया करते थे पर आज वह इस बात को अच्छी तरह से समझ गए हैं तभी तो ‘हेराफेरी’ और बहुत सारी हास्य फिल्मों में कभी फिल्मों में हीरो की अभिनय करने वाले भी आज हास्य की उत्पत्ति करने वाले फिल्मों के अभिनेता के रूप में दिखलाई दे रहे हैं।
Nice