प्यार की होती नहीं कोई उम्र / pyar ki hoti Nahin koi umar
जब आपकी शादी हुई थी, उस दिन और उसके बाद आज का समय, बहुत कुछ बदल गया होगा। शादी के उन पलों को जब आप याद करती हैं तो एक खुशनुमा अहसास आपके सामने होता है। जिंदगी के नए सफर के उन शुरुआती दिनों में आप पति-पत्नी के बीच प्यार ही प्यार भरा रहा, लेकिन अब शादी के कुछ सालों बाद जिंदगी बोरिंग-सी लगने लगी। बस काम और जिम्मेदारियों के बीच चलती जिंदगी के में पति का वैसा रिस्पोंस नहीं मिल रहा जैसा शादी के समय था। आखिर इसके पीछे कारण क्या है, क्यों प्यार कम होने लगा, जरूर कोई न कोई कारण होगा? आप इन कारणों को जान लें और फिर अपने स्तर से सुधार कर लें तो आपके दांपत्य में प्यार ही प्यार भर जाएगा।
एक-दूसरे की आलोचना क्यों
पति-पत्नी के बीच शिकायतें होती हैं तो दांपत्य संबंधों में खटास उत्पन्न हो जाती है। बात-बात में एक दूसरे की कमियां निकालना, खान-पान, पहनावा, पसंद-नापसंद पर बार-बार नुक्ताचीनी करने से आप दोनों के बीच अंडरस्टैंडिंग खत्म हो जाती है। एक-दूसरे के प्रति आत्मियता का अभाव पैदा होने लगता है, फिर एक-दूसरे की आलोचना किसी और के सामने करने से विश्वास की डोर डगमगाने लगती है। इस तरह की स्थिति में अपने को संभालें आप पति की आलोचना न करें बल्कि समझदारी दिखाएं और पति से बात करें और उन्हें समझे क्या प्राबलम्स हैं। यकीन मानिये जब हम एक-दूसरे की आलोचना करने लगते हैं तो हमारे बीच सहज रिश्ता नहीं रह जाता है। इसका फायदा कोई तीसरा उठा सकता है और आपके बीच कानाफूसी करके आपके रिश्ते में दरार पैदा कर देता है। ऐसी नौबत न आए आप संभल जाएं और एक-दूसरे के प्रति हुई गलतफहमी को बातचीत के माध्यम से दूर कर लें।
मजबूत करें प्यार औरविश्वास की डोर
आप दोनों के बीच प्यार और विश्वास की नींव मजबूत रहे इसके लिए पति पर संदेह न करें, बल्कि मधुर संबध बनाए, उनके अच्छे काय्रों की प्रशंसा करें। विश्वास जताएं, किसी समस्या होने पर आप उनकी बात ध्यान से सुने और सही रास्ता सुझाने में सहयोग करें। किसी अन्य की उड़ी-उड़ाई बातों पर यकीन न करें। पति के मन की बात जानें और इस बात का अहसास दिलाएं कि हर वक्त आप उनके साथ हैं। दांपत्य जीवन में विश्वास की डोर मजबूत रहेगी तो आपकी जिंदगी में आकर्षण और प्यार की भावना फिर से प्रबल होगी।
प्यार में सीमित संसाधनों का रोना न रोये
दांपत्य जीवन में आकर्षण और प्यार बना रहे इसके लिए आप एक-दूसरे का सम्मान करें। आपसी विचार-विमर्श करके ही कोई फैसला करें, बेवजह के अपने फै सले थोपे न बल्कि जो उचित हो और जिस पर आप दोनों की सहमति हो वह कार्य करें। संसाधन सीमित हो सकते हैं लेकिन खुशियां सीमित न होने दें। मकान छोटा है तो क्या जिंदगी में हमें छोटी-छोटी खुशियों को कैद करना सीखना चाहिए, यही जिंदगी है। अभाव को प्रभावी न होनी दें, संसाधन समय के साथ जुटाए जा सकते हैं लेकिन सीमित संसाधनों का रोना-रोकर आप अपनी जिंदगी में तनाव न लाएं, पति को समझने की कोशिश करें कि अगर प्रेम और खुशियों के बीच आप होंगे तो बड़ी-सी बड़ी सुविधाएं जुटाने में समय नहीं लगेगा।
प्यार की कोई उम्र नहीं होती
आप दोनों के बीच प्रेम-संबध बना रहे इसके लिए आप दोनों प्रेम की बातें करें, इससे आपके रिश्तों में फिर से एक नई ताजगी आएगी। शादी के शुरुआती दिनों की तरह आप बेफिक्र प्रणय-निवेदन करें, संकोच न करें क्योंकि प्रेम की यह बातें साथी को अच्छी लगेंगी। कुछ ही पलों में आप दोनों पहले के अहसास को जीने लगेंगे, कुछ पल का यह अनुभव अलहड़ लग सकता है लेकिन शादी के इतने सालों में इस तरह की बातों के न होने से जिस तरह की नीरसता आपके जीवन में आ गई उसे दूर करने के लिए यह करना जरूरी है। प्रेम में उम्र की गंभीरता न आने दें, पति-पत्नी के मध्य प्रणय में हास्य, मजाक और एक दूसरे की खिंचाई ही प्रेम के रस को घोलता है। उम्र की गंभीरता को अपने जीवन में बाधा न बनने दें, शर्म छोड़े और पति के साथ उन दिनों के पल को फिर से जीने की एक नई शुरुआत करें।