माटी के लाल की बातें
Last Updated on August 29, 2013 by Abhishek pandey माटी के लाल की बातेंकहां जाएं हम इस डगर में, इस शहर में सड़कें नहीं।मंजिल है मुसाफिर भी है, वो मुस्कान नहीं।वो यादें नहीं, वे तन्हाई नहीं,बिक गई वह मुस्कान यहीं।न जाने मेरी वो तन्हाईयां कहां,न जाने मेरी वो यादें कहां।ढूंढता हूं मैं उस उजड़े रास्तों…