jane Keyon banaya gaya Lucknow ka bhulbhulaiya/ जानें क्यों बनाया गया लखनऊ का भूल भुलैया

 Lucknow ka bhulbhulaiya: Jane Keyon banaya gaya Lucknow ka bhulbhuaiya/ जानें क्यों बनाया गया लखनऊ का भूल भुलैया

Lucknow ka bhulbhulaiya

लखनऊ की भूलभुलैया भूलभुलैया के बारे में तो सुना ही होगा। अपने देश में लखनऊ का भूल भुलैया (Lucknow ka Bhubhulaiya) फेमस है तो विदेशों में इजिप्शियन भूल भुलैया इटली  में ओसियन समाधि जैसे भूल भुलैया भी अनोखे हैं। आइए जानें इसके बारे में

लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा पूरी दुनिया में फेमस है। इस इमामबाड़े में है, दिमाग को चकरा देने वाला भूलभुलैया। यह देश ही नहीं विदेश के लोग के भी आकर्षण का विषय है कि इसकी बनावट कैसे की गई होगी? jane Keyon banaya gaya Lucknow ka bhulbhulaiya/ जानें क्यों बनाया गया लखनऊ का भूल भुलैया?  कैसे एक बार आदमी इसमें जाता है तो उसी रास्ते से या आसानी से वापस नहीं आ पाता है। भूल भुलैया में ही जैसे गलियारे, एक ही जैसे दरवाजे हैं।  इसी से आदमी भ्रम में पड़ जाता है। भूलभुलैया के अंदर सैकड़ों सीढ़ियां है जो ऊपर भी जाती हैं और नीचे भी जाती हैं। इन्हीं पर से आगे बढ़ना होता है कभी-कभी यहां काफी भयानक हो जाता है जब कोई रास्ता भटक जाता है इसलिए भूल भुलैया घूमने के लिए किसी गाइड को ले जाना जरूरी होता है।

लखनऊ का इमामबाड़ा कब बना?

बड़ा इमामबाड़ा की बनावट गजब की है, इमामबाड़े का निर्माण अवध के नवाब आसफउद्दौला ने 1784 ईस्वी में करवाया था। यह 6 साल में बनकर तैयार हुई थी। इसमें प्रवेश करते ही एक विशाल हाल मिलता है जो 50 मीटर लंबा और 15 मीटर ऊंचा है। इस इमामबाड़े में एक आसिफ़ी मस्जिद भी है जहां गैर मुस्लिम लोग को प्रवेश की इजाजत नहीं है। मस्जिद परिसर में दो ऊंची मीनार हैं। भूल भुलैया इमामबाड़ा की मुख्य इमारत के ऊपरी हिस्से में है जो तीन मंजिला है और विराम भूल भुलैया रास्तों का ऐसा जाल है जो भ्रम में डाल देता है। लखनऊ के इस प्रसिद्ध इमामबाड़े का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।

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क्यों बनाया गया भूलभुलैया

इमामबाड़ा में भूल भुलैया बनाने का कारण भी काफी इंटरेस्टिंग है। भूलभुलैया (Bhulbhulaiya )का निर्माण पहले इसलिए करवाया गया था क्योंकि शत्रु का भय बना रहता था कि वे किस दिशा से कब आक्रमण कर दें। इसलिए किसी भी दुश्मन घुसपैठियों को भ्रमित करने के लिए इस भूलभुलैया को बनवाया गया था ताकि समय मिल सके और युद्ध की तैयारी कर सकें और विराम इस भूल भुलैया में इतनी सकरी गलियां है जिसमें कोई भी घूमने के दौरान खो सा जाता है और विराम भूल भूल भूल भुलैय और विराम इस भूल भुलैया में इतनी सकरी गलियां है जिसमें कोई भी घूमने के दौरान खो सा जाता है। भूल भुलैया में 489 दरवाजे एक जैसे बने हुए हैं जो मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देते हैं।

दुनिया भर के लिए अजूबा है भूल भुलैया

इस ऐतिहासिक इमारत के साथ बहुत सी कहानियां जुड़ी हुई है। इमामबाड़ा वास्तुकला की एक लाजवाब मिसाल है और नवाबों की सबसे शानदार इमारत है। इस इमारत में राजपूत और मुगल स्थापत्य खूबसूरत नमूने देखने को मिलते हैं। नवाब आसफउददौला ने जब इसे बनवाया था तो उन्होंने यह भी कहा था कि यह इमारत किसी की नकल ना हो। यानी इस प्रकार की इमारत दुनिया में  ना हो। इस तरह से यह इमारत दुनिया में अपने तरह की ओरिजिनल इमारत है। इस आयताकार भवन में उस जमाने की विभिन्न कलाओं पर भी ध्यान दिया गया था पूर्णविराम आज ही पूरे विश्व में यह इमारत अजूबा बनी हुई है।

भूलभुलैया का विशालकाय हाल

इस इमारत में एक बहुत बड़ा हाल है, जिसमें ना खंबे है, और ना लोहा, ना ही लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है।
कहा जाता है कि इमामबाड़ा गुड़ और गोंद से बनाया गया है। अगर ऐसा है तो वाकई आश्चर्यजनक बात है। इस इमारत को हवादार और रोशनी दार बनाया गया है। हाल के बीच में  आसफउददौला की मजार है। इस हाल के दोनों तरफ गोल कमरे हैं जिनमें से एक को सूरजमुखी कमरा कहा जाता है और दूसरे कमरे को खरबूजे वाला कमरा कहा जाता है।
लखनऊ में नवाब आसफउददौला ने आलीशान इमामबाड़ा, भूलभुलैया के अलावा रूमी गेट, आसफी मस्जिद और शाही बावड़ी का भी निर्माण करवाया था।

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