Surdas सूरदास class 10 new multiple बहुविकल्पी प्रश्न उत्तर
कक्षा 10 सीबीएसई बोर्ड (CBSE board) में चलने वाली हिंदी का पाठ्यक्रम के नए परीक्षा पैटर्न में हम आज आपसे बहुविकल्पी (multiple type questions) प्रश्न के बारे में चर्चा करेंगे।
कक्षा 10 (class 10 new syllabus) के नए पाठ्यक्रम में बहुविकल्पी प्रश्न पेपर के खंड ‘अ’ में आएंगे। जिसमें से आज हम क्षितिज भाग 2 से प्रश्न पूछे जाएंगे बहुविकल्पी प्रकार के उनका अध्ययन करेंगे आज क्षितिज भाग 2 का पहला पाठ सूरदास से संबंधित अपठित गद्यांश से बनने वाले प्रश्नों के उत्तर के बारे में चर्चा करेंगे और कुछ प्रश्न आपसे हल भी करवाएंगे तो आइए इस क्लास को शुरू करते हैं-
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निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर लिखिए-
ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी।
प्रीति नदी मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी।
‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।
1. कमल के पत्ते की कौन- सी विशेषता कविता में बताई गई है?
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कमल का पत्ता सुंदर होता है।
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कमल का पत्ता पानी में डूबा रहता है, उस पर कोई दाग भी नहीं लगता है।
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पहला और दूसरा उत्तर सही है।
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दिए गए विकल्पों का सभी उत्तर गलत हैं।
2. उद्धव के प्रेम विहीन रहने की तुलना किससे या किस- कस से की गई है?
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कमल के पत्ते और तेल की मटकी से की गई है।
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केवल कमल के पत्ते से की गई है।
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केवल तेल की मटकी से की गई है।
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गुड़ की चींटी से की गई है।
3. गोपियों ने किस को आती बड़भागी कहा है-
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श्री कृष्ण को कहा
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उद्धव को कहा
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जल से भरी मटकी को कहा
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गोपियों ने स्वयं को कहा
4. भोली भाली गोपियों और चींटियों में क्या समानता है?
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जिस तरह से चीटियाँ गुड़ से चिपट कर मुक्त नहीं होती हैं, उसी तरह से श्रीकृष्ण के प्रेम में गोपियाँ भी उनसे अलग नहीं हो सकती हैं।
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जिस तरह से चीटियों को गुड़ पसंद है वैसे ही गोपियों को मिठाइयाँ प्रिय हैं।
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दोनों उत्तर सही है।
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कोई भी उत्तर सही नहीं है।
5 ‘प्रीति नदी मैं न बोरयौ’ का अर्थ क्या है-
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प्रीति नदी यमुना नदी को कहा गया है।
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प्रेम रूपी नदी में कभी पैर नहीं डुबोया अर्थात कभी जिसने कभी प्रेम नहीं किया है।
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नदी में नहाने की बात हो रही है।
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ऊपर दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं।
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निम्नलिखित पठित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर लिखिए-
मन की मन ही माँझ रही।
कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।
अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।
अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।
चाहति हुतीं गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही।
‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।
1 गोपियाँ अपनी मन की व्यथा को क्यों नहीं कह पा रही हैं-
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गोपियाँ श्रीकृष्ण की प्रेम विरह में इतना व्याकुल है कि अपनी मन की बात भी करना नहीं चाहती हैं।
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गोपिकाओं को अब तक ऐसा कोई नहीं मिला, जिससे वे अपनी मन की व्यथा को कह सकें।
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श्रीकृष्ण के वियोग में गोपिकाएँ तन-मन से बहुत व्यथित हैं, उन्हें आशा थी कि श्रीकृष्ण उनसे मिलने आएँगे लेकिन श्रीकृष्ण उनसे मिलने नहीं आए इसलिए वह अपनी इस व्यथा को किसी से कह नहीं पा रही है।
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दिए गए विकल्पों का सभी उत्तर सही हैं।
2. गोपियों का धैर्य क्यों टूटने लगा?
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उन्हें विश्वास था कि श्रीकृष्ण उनसे मिलने जरूर आएँगे, लेकिन श्रीकृष्ण नहीं आए इसलिए उनका धैर्य टूटने लगा।
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श्री कृष्ण ने उद्धव को योग साधना सिखाने के लिए गोपियों के पास भेजा इसलिए उनका धैर्य टूट गया।
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दोनों विकल्प सही हैं।
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1 व 2 दोनों विकल्प गलत हैं।
3. गोपियों के पास उद्धव किसका संदेश लेकर आए थे?
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मथुरा के राजा कंस का
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गोकुल के सरपंच का
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श्री कृष्ण जी का
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दिए गए विकल्पों का सभी उत्तर गलत है।
4. किस मर्यादा के उल्लंघन की बात गोपियाँ उद्धव से कह रही हैं?
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कृष्ण के द्वारा प्रेम की मर्यादा का
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उद्धव के उपदेश देने की मर्यादा के बारे में
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गोपियों के प्रेम की मर्यादा के बारे में
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दिए गए विकल्पों का सभी उत्तर सही हैं।
5.’बिरहिनि’ का अर्थ-
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वियोग में जीने वाली महिला
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गायिका
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एक तरह का गीत
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दिए गए विकल्पों का सभी उत्तर सही हैं।
इस प्रश्न के उत्तर का वीडियो क्लास देखने के लिए क्लिक करें और इस वीडियो क्लास में अच्छे से समझाया गया है-