चांद से गुजारिश कविता
Last Updated on October 18, 2019 by Abhishek pandey चांद से गुजारिश चांद का बदलना जारी अब चांद संभल जा आखिरी चेतावनी। चांद एक रोटी का टुकड़ा नजर आता है, और आधा चांद नजर आता किसी से छीना झपटी में किसी का खाया हुआ हिस्सा,चांद सावधान हो जातेरी तरफ बढ़ते इंसानी कदमछुपा के रखना अपना…