Last Updated on April 30, 2015 by Abhishek pandey
अभिषेक कांत पाण्डेय
बच्चों, ट्रेन में सफर करना कितना मजेदार होता है, लेकिन सोचो कि अगर यह ट्रेन 6०० किमी प्रति घंटा की स्पीड से चले और तुम इस पर बैठे हो तो तुम्हें बहुत रोमांच का अनुभव होगा। दुनिया में सबसे तेज चलने वाली ऐसी ट्रेन को बुलेट टàेन कहा जाता है, तो आओ जानते हैं बुलेट ट्रेन के बारे में-
————————————————————————————–
बच्चों, जापान में अभी कुछ दिन पहले सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेनों का सफल परीक्षण किया गया। इस ट्रेन ने 6०० किलोमीटर का सफर एक घंटे में तय करने का नया विश्व रिकार्ड बनाया है। आज चीन, अमेरिका, रूस में बुलेट ट्रेनें चल रही हैं, इनकी स्पीड 25० किमी से 58० किमी से अधिक है। हाइ-स्पीड वाली इन बुलेट टàेनों को हमारे देश भारत में भी चलाने की योजना बनाई गई है। हाइ-स्पीड से चलने वाली बुलेट ट्रेन को पटरी पर दौड़ने के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल होता है।
कैसे हुई हाइ-स्पीड ट्रेनों की शुरुआत
साल 1938 में पहली बार यूरोप में मिलान से फ्लोरेंस के बीच हाइ-स्पीड ट्रेन की शुरुआत हुई। इस ट्रेनें की अधिकतम रफ्तार करीब 2०० किमी प्रति घंटा थी। द्बितीय विश्व युद्ध के बाद ‘इटीआर 2००’ नाम की इस टेक्निक को कई देशों ने उन्नत बनाने का काम शुरू किया। जापान ने 1957 में ‘रोमांसेकर 3००० एसएसइ’ नाम से इसकी अच्छी टेक्निक को लॉन्च किया। इसके कुछ ही समय बाद जापान ने दुनिया की पहली हाई-स्पीड ट्रेन की शुरुआत की, जो स्टैंडर्ड गेज (बड़ी लाइन) आधारित ट्रेन थी। इसे आधिकारिक रूप से 1964 में ‘शिनकानसेन’ के नाम से शुरू किया गया।
किसे कहते हैं हाइ-स्पीड ट्रेनों
इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवेज (यूआइसी) के अनुसार उन टàेनों को हाइ-स्पीड ट्रेनें कहते हैं, जो 25० किमी प्रति घंटा या उससे ज्यादा स्पीड से चलती हैं। देखा जाए तो यह आम चलने वाली ट्रेनों से अलग है। ऐसे ट्रेन की पूरी रैक सामान्य ट्रेनों से अलग होती है और इसमें आधुनिक इंजन लगाए जाते हैं। इसके इंजन का आकार एयरोडायनिक टाइप का होता है, जो हवा को चीरते हुए तेजी से आगे बढ़ता है। यह ट्रेन खास तौर से बनाई गई हाइ-स्पीड लाइन पर चलाई जाती है। स्टील की खास लाइन होती है और घुमावदार स्थानों को खास तरीके से डिजाइन किया जाता है, जानते हो क्यों? इसकी स्पीड मोड़ के कारण कम न हो। यहां पर उन्नत सिगनल सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, इस तरह से ट्रेन का संचालन अच्छी तरह से होता है।
.
मैग्नेटिक लेविटेशन तकनीक
दुनिया में हाइ-स्पीड ट्रेनों को चलाने में अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल होता है। एक तकनीक मैग्नेटिक लेविटेशन है, इस तकनीक से ट्रेनें चलाने के लिए ट्रेक, सिग्नल आदि को नए सिरे से बनाया जाता है। अधिकतर हाइ-स्पीड ट्रेनें स्टील के बने ट्रैक और स्टील के ही बने हुए पहियों पर चलती हैं, इनकी स्पीड 2०० किमी प्रति घंटे से ज्यादा होती है। जापान में मैग्नेटिक लेविटेशन तकनीक से ही ट्रेनें चलती हैं, जिससे चुंबकीय शक्ति के कारण दौड़ती हुई हाइ-स्पीड ट्रेन ट्रैक से 1० सेमी ऊपर उठ जाती हैं। इस टेक्निक के कारण जापान में ट्रेनें बहुत तेज चलती हैं।
कैसे चलती है इतनी स्पीड में ये बुलेट ट्रेनों
बुलट ट्रेन की सभी बोगियां एकदूसरे से जुड़ी होती हैं। इसमें ट्रैक्शन मोटर्स को ज्यादा से ज्यादा बोगियों के पहियों से जोड़ दिया जाता है, इसलिए यह उनमें स्पीड बढ़ाता है, जिससे ट्रेन तेजी से स्पीड पकड़ लेती है। बच्चों, इसे ऐसे समझें कि सिगल लोकोमोटिव यानी इंजन में किसी ट्रेन को खींचने की जितनी क्षमता होती है, उतनी क्षमता बुलेट ट्रेन की बोगियों के भीतर लगे उपकरणों में भी होती है। इसलिए इनकी बोगियों को अलग नहीं किया जा सकता और न ही किसी अन्य ट्रेन में इसे आसानी से जोड़ा जा सकता है, जैसा कि सामान्य ट्रेनों में होता है। इसमें चालक के केबिन के तुरंत बाद यात्रियों के कंपार्टमेंट शुरू होते हैं। इसमें ट्रेन संचालन व नेटवर्क से जुड़ी सभी चीजें कंप्यूटर से नियंत्रित होती हैं। इसके लिए ट्रेन व ट्रैक पर बहुत से सेंसर लगे होते हैं। इन सेंसरों के मदद से कंप्यूटर ढेर सारे मिलने वाली डेटा से यह सुनिश्चित किया जाता है कि ट्रेन अपनी पूरी ऊर्जा का इस्तेमाल कर रही है और नियंत्रण में है।
Author Profile
-
Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
newgyan.com Blog include Career, Education, technology Hindi- English language, writing tips, new knowledge information.
Latest entries
- DayApril 24, 2024Vishva Panchayat Divas विश्व पंचायत दिवस क्यों मनाया जाता है? GK
- Hindi English words meaningsApril 9, 2024पोटेंशियल सुपर पावर का अर्थ हिंदी में और भारतीय राजनीति में इसका महत्व
- Career NewsApril 5, 2024cbse skill education : सीबीएसई स्कूलों में स्किल एजुकेशन शुरू, छात्र मेन सब्जेक्ट के साथ पढ़ सकते हैं AI
- CBSEApril 5, 2024सीबीएसई पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव 10वीं 12वीं के पाठ्यक्रम को डाउनलोड करें